
चट्टी बारियातू कोल माइनिंग परियोजना से संबंधित बैठक उपायुक्त के अध्यक्षता में सम्पन्न
झारखण्ड ब्यूरो/उमेश सिन्हा
चट्टी बारियातू कोल माइनिंग परियोजना में नियमों को ताक पर रखकर काम करने का आरोप पर विधायक अंबा प्रसाद ने मुख्यमंत्री से काम रोकने की अपील की थी, इस पर तत्काल मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने उपायुक्त हजारीबाग को जांच कर कार्रवाई करने का आदेश दिया था । इसके आलोक में उपायुक्त के द्वारा दिनांक 27 अप्रैल 2022 को उपायुक्त कार्यालय में बैठक बुलाई हुई । बैठक में मुख्य रूप से विधायक अंबा प्रसाद, पुलिस अधीक्षक हजारीबाग, अंचलाधिकारी केरेडारी, जिला भू अर्जन पदाधिकारी, जिला खनन पदाधिकारी, महाप्रबंधक एनटीपीसी तथा ऋत्विक कंपनी के महाप्रबंधक उपस्थित हुए ।
विधायक ने कई बिंदुओं पर बात करते हुए एनटीपीसी के द्वारा पूर्व में कराए गए फर्जी ग्राम सभा को सार्वजनिक करने, मुआवजे, नौकरी, पुनर्स्थापन इत्यादि तथा एनटीपीसी और ऋत्विक एएमआर के बीच माइनिंग डेवलपमेंट कम ऑपरेटिंग (MDO) से संबंधित दस्तावेज प्रस्तुत करने की मांग की । परन्तु एनटीपीसी के अधिकारी अनभिज्ञता जताते हुए कागजात प्रस्तुत नहीं कर सके । इस पर उपायुक्त हजारीबाग ने अगली बैठक में सभी तरह के दस्तावेज लेकर आने को एनटीपीसी तथा ऋतिक कंपनी के अधिकारियों को निर्देश दिया ।
विधायक के द्वारा विस्थापित प्रभावित और स्थानीय ग्रामीणों को कंपनी में नौकरी दिलाने की बात पर उपायुक्त ने एनटीपीसी कंपनी के अधिकारियों से सीधे तौर पर किसी की भी बहाली करने से रोकते हुए किसी भी तरह की नियुक्ति में उपायुक्त की अनुशंसा को अनिवार्य बताया । विधायक और ग्रामीणों द्वारा 2013 अधिनियम लागू कराने को लेकर उपायुक्त ने कंपनी को कहा कि पूर्व के सभी दस्तावेज प्रस्तुत करें ताकि सरकार द्वारा घोषित भूमि अधिग्रहण अधिनियम 2013 लागू करने पर पहल की जा सके ।
प्रोजेक्ट से प्रभावित चट्टी बरियातू, जोरदाग तथा आसपास के गांव के सैकड़ों ग्रामीण उपायुक्त सभागार में पहुंचे हुए थे, उन्होंने कहा कि कंपनी चंद लोगों को पैसे का लालच देकर हमारी
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