रामगढ़ के सभागार में सोमवार को जिला स्तरीय एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया।
झारखण्ड ब्यूरो/उमेश सिन्हा
रामगढ़: राष्ट्रीय कुष्ठ उन्मूलन कार्यक्रम के तहत सिविल सर्जन कार्यालय – रामगढ़ के सभागार में सोमवार को जिला स्तरीय एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया।
इस दौरान पारा कर्मियों एएनएम, सीएचओ, लैब टेक्नीशियन , फार्मासिस्ट, एमपीडब्लू एवं बिटीटी को कुष्ठ उन्मूलन के तहत किये जाने वाले कार्यों के संबंध में प्रशिक्षण दिया गया। प्रशिक्षण में प्रखण्ड के सभी चिकित्सा पदाधिकारीयों ने भाग लिया , डॉ ० प्रभात कुमार सिविल सर्जन , रामगढ़ एवं डॉ ० स्वराज, डीएलओ रामगढ़ ने द्विप प्रज्वलित कर प्रशिक्षण का उद्घाटन किया, मौके पर सिविल सर्जन, रामगढ़ ने कहा की कुष्ठ रोग के प्रारंभिक लक्षणों के बारे में लोगो को जागरूक करना हैं , रोग के बारे में फैले भ्रम को दूर करना हैं। कुष्ठ रोग का निदान व जटिलताओं के प्रबंधन सभी स्वास्थ्य केन्द्रों में व्यवस्था करना ही मुख्य उद्वेश्य हैं। कुष्ठ रोग बहुत ही कम संक्रामक रोग हैं जो जीवाणुओं के कारण होता हैं , यह मुख्य रूप से त्वचा और तांत्रिकाओं को प्रभावित करता हैं , यह रोग धीरे – धीरे बढ़ता हैं औसतन संक्रमण , तीन से पाँच वर्ष के बाद प्रत्यक्ष रूप से दिखने लगता हैं।
प्रशिक्षक डॉ ० गविस राज्य कुष्ठ कन्सलटेन्ट NLEP , झारखण्ड , रॉची , डॉ ० सिद्वार्थ कन्सलटेन्ट NLEP , एवं श्री काशीनाथ चक्रवर्ती कोडिनेटर NLR झारखण्ड , रॉची , के द्वारा सभी पारा कर्मीयों कुष्ठ रोग एवं इसके लक्षण व इसके निदान के बारे में विस्तार से जानकारी दी गयी। इस कार्यक्रम में डॉ ० एस ० पी ० सिंह वरिष्ठ चिकित्सा पदाधिकारी , सिविल सर्जन कार्यालय , रामगढ़ , डॉ ० महालक्ष्मी प्रसाद डीआरसीएचओ, रामगढ़ के द्वारा सभी चिकित्सा पदाधिकारीयों को संबोधित किया गया। मौके पर सावन कुमार ठाकुर जिला काय – चिकित्सक एनएलईपी सहित अन्य उपस्थित थे।
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