प्रशिक्षण में रामगढ़ जिला के विभिन्न क्षेत्रों के किसानों ने रुचि के साथ प्रशिक्षण प्राप्त किया
झारखण्ड ब्यूरो/उमेश सिन्हा
रामगढ़: कृषि विज्ञान केंद्र मांडू, रामगढ़ में 200 घंटे का माली विषय पर प्रशिक्षण का समापन शनिवार 26 मार्च को संपन्न हुआ। केंद्र के वैज्ञानिक एवं प्रशिक्षण के समन्वयक डॉक्टर धर्मजीत खेरवार ने बताया कि जिला उद्यान पदाधिकारी, रामगढ़ द्वारा प्रायोजित प्रशिक्षण का 2 मार्च 2022 को केंद्र के प्रभारी दुष्यंत कुमार राघव की उपस्थिति में शुभारंभ किया गया था।
प्रशिक्षण में प्रशिक्षणार्थियों को फल, फुल, सब्जियों का पौधा लगाना उनका प्रबंधन, पौध प्रवर्धन, पोषक तत्व प्रबंधन, कीट एवं रोग नियंत्रण, पौधों की कटाई-छटाई की तकनीक आदि की विस्तृत जानकारी शोध केंद्र, रांची के वैज्ञानिकों, भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद गोरिया करमा हजारीबाग के वैज्ञानिकों तथा विभिन्न कृषि संस्थानों/विभागों के विशेषज्ञों द्वारा दी गई। उन्होंने बताया कि अब प्रशिक्षण के उपरांत प्रशिक्षणार्थी खुद से पौधों में कलम कर सकते हैं, पौधों की कटाई छटाई एवं देखभाल एवं पोषक तत्व प्रबंधन कर उपज एवं आमदनी में वृद्धि कर सकते हैं।
प्रशिक्षण में रामगढ़ जिला के विभिन्न क्षेत्रों के किसानों ने रुचि के साथ प्रशिक्षण प्राप्त किया और उन्होंने प्रशिक्षण में प्राप्त जानकारियों को उपयोग में लाने की बात कही। केंद्र के प्रभारी डॉ इंद्रजीत ने प्रशिक्षणार्थियों को कहा कि बागवानी के प्रशिक्षण के उपरांत प्रशिक्षणार्थी अपना अपना व्यवसाय जैसे नर्सरी एवं प्रो ट्रे विधि से गाछी का उत्पादन करके अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं साथ-साथ सब्जी की खेती, बागवानी के अंतर्गत पपीता की खेती, आम, अमरूद की खेती करके एक स्थाई व्यवसाय कर सकते हैं जिससे उन्हें निरंतर लंबे समय तक एक आमदनी का स्रोत बना रहेगा। उन्होंने कहा कि यहां से जितनी भी जानकारी दी गई। प्रशिक्षण के दौरान प्रशिक्षणार्थियों को भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद, पटना के शोध केंद्र, प्लांडू, रांची के प्रक्षेत्र भ्रमण के साथ-साथ वहां विभिन्न नई तकनीकों की प्रयोगात्मक जानकारी दी गई। समापन कार्यक्रम के दौरान केंद्र के सनी कुमार, सनी आशीष बालमुचु एवं शशिकांत चौबे समेत अन्य लोग उपस्थित थे।
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