कोरोना वायरस के लिए डीजीसीए ने दो स्वदेशी वैक्सीन के इमरजेंसी यूज की दी मंजूरी
नई दिल्ली। कोरोना वायरस के खिलाफ लड़ाई में भारत ने भी दो कामयाबी हासिल कर ली हैं। रविवार को एक नहीं बल्कि 2-2 वैक्सीन को सेंट्रल ड्रग स्टैंडर्ड कंट्रोल ऑर्गेनाइजेशन की तरफ से इसके आपात इस्तेमाल की मंजूरी दे दी गई है। दवा नियामक डीजीसीआई ने रविवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि देश में सीरम इंस्टिट्यूट और भारत बायोटेक की वैक्सीन को आपात स्थिति में इस्तेमाल की मंजूरी दे दी गई है।
डीजीसीआई के निदेशक वीजी सोमानी ने बताया कि 1 और 2 जनवरी को सबजेक्ट एक्सपर्ट कमेटी की बैठक हुई थी और दो वैक्सीन के आपात इस्तेमाल को मंजूरी दिए जाने की सिफारिश की गई है। इससे पहले शनिवार को पहले तो कोविशिल्ड वैक्सीन के आपात इस्तेमाल की सिफारिश को मंजूरी मिली थी। इसके कुछ घंटों के बाद ही भारत बायोटेक द्वारा निर्मित पहली स्वदेशी कोवैक्सीन की भी आपात इस्तेमाल की सिफारिश कर दी गई थी।
थर्ड फेज के ट्रायल के लिए 23000 वॉलंटियर्स की हुई भर्ती
आपको बता दें कि कोवैक्सीन सबसे आखिरी और तीसरे चरण की ट्रायल प्रक्रिया से गुजर रही है और इसके लिए 23000 वॉलंटियर्स की भर्ती की गई है। ये भर्ती 26,000 वॉलंटियर्स पर किए जाने वाले परीक्षण के लक्ष्य को पूरा करने के लिए की गई है। ड्रंग कंट्रोलर ऑफ इंडिया के एक्सपर्ट पैनल ने शनिवार को वैक्सीन के आपात इस्तेमाल की सिफारिश करने के कुछ घंटों बाद ये घोषणा की।
पूरी तरह स्वदेशी है कोवैक्सीन
आपको बता दें कि कोवैक्सीन कोरोना वायरस के खिलाफ लड़ाई में पूरी तरह से स्वदेशी वैक्सीन है। हैदराबाद स्थित भारत बायोटेक द्वारा इस वैक्सीन का डेवलेपमेंट किया जा रहा है। इस काम में भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (AIIMS) और नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी भी भारत बायोटेक की मदद कर रहे हैं।
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