अध्यात्म का संबंध मनुष्य के आन्तरिक जीवन से है : गजेंद्र सिंह
राज्य ब्यूरो रिपोर्ट झारखंड/रांची : इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट स्टडीज ,रांची विश्वविद्यालय में आज भारतीय ज्ञान परंपरा में अध्यात्म का महत्व पर एक दिवसीय संगोष्ठी का आयोजन किया गया । संगोष्ठी का अध्यक्षता आई एम एस निदेशक डॉ. वी एस तिवारी ने किया। सेमिनार के मुख्य वक्ता एक्साइज विभाग के ज्वाइंट कमिश्नर गजेंद्र कुमार सिंह एवं वक्ता के रूप में बी सी सी एल के पूर्व जीएम, बी. एमके सिंह थे ।
इस संगोष्ठी को संबोधित करते हुए गजेंद्र सिंह के कहा की भारत की शिक्षा पद्धति में अध्यात्म का महत्व बेहद ही सारगर्भित है। अध्यात्म किसी भी मनुष्य को स्थाई सुख प्रदान करता है । हमारे जीवन में प्रेम , शांति , खुशी और विवेक की शक्ति प्रदान करता है। अपने लक्ष्य को प्राप्त करने में अध्यात्म का भूमिका सर्वोपरी साबित होती है। स्ववेद की जीवंतता पर भी चर्चा किया। वक्ता बी. एमके सिंह ने सम्बोधित करते हुए भारतीय ज्ञान परंपरा की प्राचीन पद्धति बारीकी से जानकारी दी एवं कहा की ज्ञान को जितना सशक्त बनाया जाता है ,वह उतना ही किसी भी क्षेत्र ने उपयोगी सिद्ध हो सकता है। साधना अध्यात्म को प्राप्त करने का माध्यम है । हमे इसकी महत्व को समझना होगा। संगोष्ठी का संचालन डॉ. रणधीर कुमार ने किया। इस अवसर पर इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट के प्राध्यापक डॉ.एन आर त्रिपाठी , विहंगम योग के किशलय वर्मा, दीपक कुमार वर्मा, जितेंद्र कुमार सिन्हा, इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट स्टडीज के छात्रो् एवं अन्य की उपस्तिथि रही । इस अवसर पर संस्थान के निदेशक डॉ. वी एस तिवारी को विहंगम द्वारा स्ववेद भेंट किया।
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