आर यू में धरती आबा बिरसा मुंडा की 149वीं जयंती पर जनजातीय गौरव दिवस मनाया गया।
राज्य ब्यूरो/ झारखंड : रांची विश्वविद्यालय के जनजातीय एवं क्षेत्रीय भाषा संकाय और आईक्यूएसी के संयुक्त तत्वावधान में यह कार्यक्रम जनजातीय एवं क्षेत्रीय भाषा विभाग के अखड़ा में राँची विश्वविघालय के माननीय कुलपति डॉ अजीत कुमार सिन्हा के अध्यक्षता में आयोजित हुआ। कार्यक्रम के मुख्य वक्ता के रूप में विनोबा भावे विश्वविद्यालय के एंथ्रोपोलॉजी विभाग के डॉ गंगानाथ झा ने झारखण्ड के शहीदों बिरसा मुंडा, गया मुंडा, तेलंगा खड़िया, वीर बुधु भगत, सिदो कान्हू सहित अन्य शहीदों को अपनी श्रद्धांजलि अर्पित की। उन्होंने कहा कि इन शहीदों के आंदोलन को गहराई से समझना होगा तथा उनके कार्यों पर शोध करने की आवश्यकता पर भी उन्होंने बल दिया। कार्यक्रम की शुरुआत गणमान्य अतिथियों के कर कमलों से दीप प्रज्ज्वलन और धरती आबा बिरसा मुंडा की तस्वीर पर पुष्पांजलि अर्पित कर की गई।
नागपुरी विभाग के बुद्धेश्वर बड़ाइक एवं साथियों द्वारा स्वागत गान प्रस्तुत किया गया तत्पश्चात मुंडारी विभाग के छात्र-छात्राओं की ओर से मुंडारी नृत्य प्रस्तुत किया गया। रांची विवि के फाइन आर्ट विभाग की तरफ से उलगुलान – एक नृत्य नाटिका प्रस्तुत किया गया। डॉ मेरी एस सोरेंग ने वीर शहीद तेलंगा खड़िया एवं डॉ उमेश नंद तिवारी ने धरती आबा बिरसा मुंडा की जीवनी पर प्रकाश डाला। रांची यूनिवर्सिटी के डीएसडब्ल्यू डॉ सुदेश कुमार साहू ने स्वागत भाषण देते हुए कहा कि बिरसा मुंडा ने निरंतर संघर्ष से अपने आंदोलन को सफल बनाया। उन्होंने कहा कि हमें जनजातीय जीवन शैली एवं सादगी से सीख लेना चाहिए। आदिवासी जीवन शैली ही जीवन का मूल मंत्र है। जनजातीय गौरव दिवस पर प्रकाश डालते हुए रांची विवि कुल सचिव विनोद नारायण ने धन्यवाद ज्ञापन किया।
इस कार्यक्रम मे ड़ीन मानविकी डॉ अर्चना दूवे, आईक्यूएसी के डॉ बी के सिन्हा व डॉ स्मृति सिंह, डॉ बी पी सिन्हा, एंथ्रोपोलॉजी विभागाध्यक्ष डॉ दिनेश उरांव सभी विद्यार्थी, शोधार्थी, विभागाध्यक्ष एवं शिक्षकगण उपस्थित थे। मंच संचालन डॉ किशोर सुरीन ने किया।
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