आतंकवाद से निपटने के लिए आइबी को मिली बड़ी जिम्मेवारी, खुफिया क्षमता को बढ़ाने के लिए 825 स्थानों को कवर करेगा नेटवर्क
नई दिल्ली । आतंकवाद से निपटने के लिए अपनी क्षमता बढ़ाने के उद्देश्य से भारत की घरेलू खुफिया एजेंसी और आंतरिक सुरक्षा की निगरानी करने वाली इंटेलिजेंस ब्यूरो (आईबी) अपने मल्टी-एजेंसी सेंटर (मैक) नेटवर्क को जिला स्तर तक बढ़ा रही है।
आईबी का मैक नेटवर्क अब पूरे देश में 825 स्थानों को कवर करेगा।
वर्तमान में मैक के नेटवर्क में कुल 374 स्थान कवर होते हैं, जिसे दिसंबर 2001 में कारगिल संघर्ष के बाद बनाया गया था। इसे आतंकवाद से संबंधित सभी खुफिया सूचनाओं को साझा करने और उनका विश्लेषण करने के उद्देश्य से एक मंच के रूप में स्थापित किया गया था।
नेटवर्क को अब राज्य पुलिस प्रमुखों के परामर्श से चयनित 475 जिलों तक बढ़ाया जा रहा है। 475 चिन्हित स्थानों में से 451 को कनेक्टिविटी प्रदान करने के लिए संभव पाया गया है, जिसमें से 174 जिले पहले से ही जुड़े हुए हैं। जब इस पर काम पूरा हो जाएगा, तो यह नेटवर्क देश के 825 स्थानों को कवर करेगा।
21 दिसंबर को संसद में रखी गई गृह मंत्रालय की अनुदान मांगों पर राज्यसभा में कांग्रेस के उपनेता आनंद शर्मा की अध्यक्षता में गृह मामलों की संसदीय स्थायी समिति की एक रिपोर्ट में यह खुलासा किया गया।
मैक ने आतंकवाद से संबंधित जानकारी और डेटा को साझा करने के लिए संचार और कनेक्टिविटी की एक व्यापक प्रणाली स्थापित की है।
इस उद्देश्य के लिए राष्ट्रीय राजधानी 25 केंद्रीय सदस्य एजेंसियों और सभी राज्यों की राजधानियों से जुड़ी हुई है।सरकार ने अब मैक नेटवर्क बेस का विस्तार करने की योजना बनाई है।
आईबी की अध्यक्षता फिलहाल 1984 बैच के आईपीएस अधिकारी अरविंद कुमार कर रहे हैं।
रिपोर्ट में कहा गया है, “एनएमबी सॉफ्टवेयर में सभी मैक और राज्य पुलिस सर्वरों पर इस्तेमाल किया गया है। इंटेलिजेंस ब्यूरो और कुछ अन्य राज्यों सहित कई अन्य एजेंसियों की ओर से डेटाबेस पर पहले ही बड़ी मात्रा में डेटा अपलोड किया जा चुका है।”
इसके अलावा मैक संबंधित एजेंसियों से संबंधित औसतन हर दिन लगभग 150 इनपुट्स को इकट्ठा करता है, स्टोर करता है और इनके साथ साझा करता है। इसके बाद विशेष अलर्ट जारी किया जाता है।
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