नारनौल शहर की सफाई व्यवस्था का बुरा हाल : डॉ॰ संग्राम
ब्यूरो चीफ़, गुरुग्राम / दी चेंज न्यूज़
स्वच्छता पर काफी पैसा पानी की तरह बहाने के बाद भी नारनौल शहर के हालात जस के तस हैं। बड़ी
दिलचस्प बात तो ये है कि 2021 में शहर का स्वछता सर्वेक्षण भी होना है। शहर में सफाई के हालात
बेहद खराब हैं। इसका ताजा प्रतिनिधि उदाहरण शहर के महावीर चौक का है। यहां कीचड़ कि वजह से
गंदगी और बदहाली का आलम है। ये वो महावीर चौक है जिसे शहर का दिल कहा जाता है। जहां एक
तरफ पवित्र भगवान महावीर जी का स्तम्भ है तो दूसरी तरफ ऑफिसर कॉलोनी है जहां जिले के अफसरों
का निवास स्थान हैं। इस सब से राहगीरों को आने-जाने में असुविधा के साथ शहर की खूबसूरती पर भी
कलंक लग रहा है। यहां के कुछ मुहल्लों में भी साफ-सफाई का बुरा हाल है गंदगी का साम्राज्य छाया
हुआ है। नारनौल शहर कि पॉश कॉलोनी कहे जाने वाला हुडा सैक्टर मेँ भी इधर उधर सीवरेज का
बदबूदार पानी फैला हुआ देखा जा सकता है। छिप्पी होटल के पीछे जहां एक माता मंदिर भी है और
सामने प्राथमिक विद्यालय भी है वहाँ अक्सर कचरे का ढेर लगा रहता है। गंदगी की वजह से वहाँ से
निकलना भी दूभर हो जाता है। नेता जी सुभाष पार्क का अंदर का हाल और भी बुरा है, लगता नहीं की ये
नारनौल का मशहूर पार्क है जहाँ की गंदगी शहर की सफाई व्यवस्था को मुंह चिढ़ाती नज़र आती है।
जिम्मेदार जनता के नुमाएंदे व अफसर बेपरवाह बने आँखें मूँदे हुए हैं और स्वच्छता पर ध्यान नहीं दिया
जा रहा है। शहर के अलग-अलग जगहों पर इस तरह की सफाई व्यवस्था राष्ट्रीय भ्रष्टाचार निरोधी,
मानवाधिकार एवं अपराध नियंत्रण ब्यूरो के विधि सचिव/रा॰ सलाहकार डॉ संग्राम सिंह ने रेंडम
ओब्स्ज़ेर्वेशन के दौरान पायी। इस मिशन में उनके साथ श्रीमति रेखा (सा॰ का॰), एस॰ एन वर्मा
(अधिवक्ता), आर॰ के॰ बसु भी साथ थे। एक वार्ता में उन्होने कहा कि ईश्वर के बाद अगर कोई आता है
तो वो है सफाई। बापू के सपने के अनुरुप भारत को स्वच्छ बनाने का सपना हमारे देश के प्रधानमंत्री ने
देखा है। इसके मद्देनजर लोगों में जागरूकता बढ़ी और वह साफ-सफाई के लिए आगे आने लगे। कुछ
दिनों तक तो यह मुद्दा लोगों के जहन में रहा। अफसर, कलाकार, व्यापारी ही नहीं आम लोग भी
स्वच्छ भारत के सपने को साकार करने में लग गए थे। लगता है, अब इस अभियान कि चमक फीकी
पड़ने लगी है। इसकी मुख्य वजह है पब्लिक का जागरूक न होना और जिम्मेदार प्रतिनिधि व सरकारी
अमले से उनके कर्तव्यों का निर्वहन न करवाना। डॉ॰ संग्राम ने आगे कहा कि वैसे भी कोरोना काल में
सफाई का ख्याल रखना और भी जरूरी हो जाता है। गंदगी से वायरस ही नहीं और भी कई बीमारियाँ
पैदा होती हैं जो लंबे समय मेँ कई जानलेवा रोगों को जन्म देती हैं। अपनी खुद कि सफाई जैसे हाथों को
सनेटाइज़ करने के साथ-साथ अपने आस-पास को भी साफ सुथरा रखना हमारा वैधानिक और नैतिक
दायित्व है।
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