साहित्यक रंगों से सराबोर हुआ रायगढ़

रायगढ़ ब्यूरो रिपोर्ट पियूष पटनायक

“होली में कोई राधा तो कोई घनश्याम हो जाते हैं ।जहॉं-जहॉं रंगे प्रेम रंग,धरा वही बृजधाम हो जाते हैं ।।”
यह केवल उक्ति नहीं वास्तविकता का पर्याय है जिसे स्पंदन कला एवं साहित्य संस्थान छत्तीसगढ़ व राष्ट्रीय कवि संगम जिला इकाई रायगढ़ के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित “रंग बरसे 2022” के रंगारंग कार्यक्रम में स्पष्ट देखा गया ।
इसमें अतिथि दीर्घा में सुशोभित दत्तक पुत्री शिक्षा योजना रायगढ़ के सूत्रधार भरत लाल साहू जी,डिग्री लाल साहू जी एवं वरिष्ठ साहित्यिक मार्गदर्शक केवल कृष्ण पाठक जी,स्पंदन संरक्षिका आशा मेहर ‘किरण’ जी,स्पंदन के प्रांतीय अध्यक्ष एवं राष्ट्रीय कवि संगम रायगढ़ इकाई के अध्यक्ष प्रदीप कुमार गढ़उमरिया,सचिव तेजराम नायक जी, उपाध्यक्ष पुरुषोत्तम ठेठवार जी, कोषाध्यक्ष चंद्रभान पटेल’चंदन’,प्रांतीय प्रचार सचिव अजय पटनायक ‘मयंक’,साखी गोपाल पण्डा जी,हर्षराज ‘हर्ष’,वसुन्धरा पटेल,सरोज साव कमल,अरुणा साहू,सुधा देवांगन “शुचि”,इन्दु साहू “हरिप्रिया”,केशिका साहू,रुक्मणी राजपूत जी,गीता उपाध्याय,कमलेश पाठक जी,अरुणा साहू जी,नेहा ठेठवार जी,सुकेशी प्रधान जी,आरती मेहर,स्नेहलता स्नेह,धरा देवाँगन,प्रीति यादव,साधना मिश्रा,कु. प्रियषा,सुषमा पटेल,नेमलता पटेल,अंजलि नायक,भारती पटेल,पूर्णिमा चौधरी,लीशा पटेल,दीपक महापात्रे,राम रतन मिश्रा,दिव्यांशु पवन मिश्रा,जगबंधु राम यादव,हरेन्द्र डनसेना,रामफल राठिया,जयंत यादव,कमलेश यादव,जयंत पटेल,अशोक डनसेना,सोनू बरेठ एवं अजय पाठक जी भी शामिल रहे।
कलकल स्वर में बहती केलो नदी की प्रवाह तट किसी गोकुल तट से कम नहीं तो वहीं सुरभित सामुदायिक साहू भवन के प्रांगण की तुलना बाबा नंद के ऑंगन से की जा सकती है ।
रंग-बिरंगे साज-सज्जे से सुसज्जित नारियों का समूह गोपियों की झलकियॉं देती रहीं तो बालिकाओं की प्रेमिल तन्मयता श्री कृष्ण प्रेमी राधा सी लगती रहीं । मॉं सरस्वती की आराधना दीपोत्सव व गुलाली, मदमाते टेसुओं से की गई तत्पश्चात् पॉंच-पॉंच के समूह में सभी साहित्यकारों को राजस्थानी पगड़ी पहनाकर गुलाल लगाकर सम्मान किया गया ।कागज के टुकडों में नये-नये राज समेटे चीट उठाकर विभिन्न नाटकीय रुप से आयोजन किया गया जिसमें हास्य के गुब्बारे भरपूर शामिल रहे । नाच गाने व गुलाल से सने सभी की छवि आज को होली मानने विवश करने में लगे रहे ‌।
अतिथियों का सहयोग व उत्साही उद्बोधन हर्षित मनोभाव में दोगुना वृद्धि करते रहे ।शनै:-शनै: सूर्य के ढलते ही कार्यक्रम समापन की ओर हुआ जहॉं सभी ने मिलकर होली गीत पर खूब पॉंव थिरकाया ।जलपान व पेयजल की व्यवस्था ने कोई कमी नहीं रखी ।

*सभी साहित्यकार सम्मानित हुए रंग बरसे 2022 स्मृति चिन्ह से*
इस मनोरम यादगार क्षण को कैद करने स्मरिका स्वरुप रंग बरसे 2022 के सुंदर स्मृति चिन्ह से सम्मानित किया गया,एवं स्पंदन संस्थान की ओर से सम्मान पत्र भी हस्तप्रद हुआ जिस पर सभी की छवि अनुपम लगने लगी ।

*महामूर्खाधिराज बने दीपक महापात्रे*
अंत में रश्मो-रिवाज को आत्मसात करते हुए “चीट उठाओ” महा मूर्खाधिराज प्रतियोगिता कराई गई जिसमें दीपक महापात्र महामूर्खाधिराज से सुशोभित हुए, यह चिरकाल से चली आ रही एक ऐसी प्रतियोगिता है जिसमें हास्यमय ढंग से विभिन्न सब्जियों की माला पहना कर गुलाल लगाया जाता है ।
पूरे कार्यक्रम का बेहतरीन हास्य संपुटी संचालन आदरणीय अजय पटनायक जी के द्वारा किया गया । अंततोगत्वा सामूहिक छायाचित्र लेकर आभार प्रदर्शन हेतु साखी गोपाल पण्डा जी ने अपने भाव रखे एवं कार्यक्रम का समापन हुआ ।
उपरोक्त जानकारी संस्थान के प्रांतीय मीडिया प्रभारी गुलशन खम्हारी ‘प्रद्युम्न’ जी ने दी ।

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