उपायुक्त गुमला की अध्यक्षता में प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना की जिला स्तरीय तकनीकि समिति की बैठक संपन्न
राज्य ब्यूरो झारखंड
बैठक में जिला मस्त्य पदाधिकारी द्वारा समिति के सभी सदस्यों को प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना की जानकारी साझा करते हुए बताया गया कि वित्तीय वर्ष 2020-21 में भारत सरकार, मात्स्यिकी, पशुपालन एवं गव्य विकास मंत्रालय (मात्स्यिकी विभाग)के द्वारा वित्तीय वर्ष 2020-21 से 2024-25 तक के लिए प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना लागू की गई है। उक्त योजना में निजी क्षेत्र के मत्स्य पालक/ मत्स्य कृषक के लिए कुल 42 योजनाएं प्रस्तावित हैं। प्रत्येक योजना की ईकाई लागत निर्धारित है, जिसमें अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाकि एवं सभी कोटि की महिलाओं को अनुदान स्वरूप ईकाई लागत की 60 प्रतिशत राशि, जिसमें 40 प्रतिशत राज्य सरकार तथा 60 प्रतिशत केंद्र सरकार द्वारा दिए जाने का प्रावधान है। शेष ईकाई लागत राशि का 40 प्रतिशत लाभुक का व्यक्तिगत निजी अंशदान होगा तथा सामान्य कोटि के पुरूष वर्ग के लिए योजना के ईकाई लागत का 40 प्रतिशत अनुदान स्वरूप, जिसमें 40 प्रतिशत राज्य सरकार एवं 60 प्रतिशत केंद्र सरकार द्वारा दिए जाने का प्रावधान है। शेष ईकाई लागत राशि का 60 प्रतिशत लाभुक का व्यक्तिगत निजी अंशदान होगा।
बैठक में उपायुक्त ने प्रधानमंत्री मत्स्य़ संपदा योजना के तहत निजी क्षेत्र की योजनाओं की जानकारी प्राप्त की। जिला मत्स्य पदाधिकारी ने बताया कि निजी क्षेत्र की योजनाओं यथा कार्प हैचरी अधिष्ठापन, 0.10 हेक्टेयर क्षमता वाले बायोफ्लॉक टैंक, इंसुलेटेड (तापरोधक वैन), मोटर साईकिल आईस बॉक्स, साईकिल आईस बॉक्स, तीन चक्का वाहन/ ई-रिक्शा आईस बॉक्स सहित सरकारी क्षेत्र के लिए ब्रूड (सीड बैंक सहित) की स्थापना योजना से संबधित प्रस्ताव सर्वसम्मति से पारित कर राज्य स्तरीय समिति को भेजी गई थी। जिसपर राज्य स्तरीय समिति द्वारा चार योजनाएं यथा कार्प हैचरी अधिष्ठापन हेतु 01, मोटर साईकिल आईस बॉक्स सहित 04, साईकिल आईस बॉक्स सहित 10, तीन चक्का वाहन/ ई-रिक्शा आस बॉक्स सहित 02 योजनाएं कुल 17 लाभुकों के लिए लक्ष्य के रूप में निर्धारित की गई है। जाँचोपरांत मत्स्य पालन से जुड़े एवं सक्षम लाभुकों का योजनावार सूची समिति से पारित करने हेतु उपस्थापित की गई। इसके साथ ही जिला स्तरीय समिति (डी.एल.सी) द्वारा पारित शेष योजनाओं का वित्तीय वर्ष 2021-22 में पुनः सत्यापित करने का अनुरोध किया गया।
वित्तीय वर्ष 2021-22 के लिए योजना एवं लाभुकों के संबंध में उपायुक्त ने विभिन्न सेक्टरवार लाभुकों से प्राप्त किए गए आवेदनों की समीक्षा की। जिला मत्स्य पदाधिकारी ने बताया कि वित्तीय वर्ष 2021-22 में कार्प हैचरी योजनांतर्गत 01 आवेदन प्राप्त किया गया है। इसके साथ ही वित्तीय वर्ष 2021-22 में समाचार पत्र में प्रकाशित विज्ञापन के आलोक में कुल 06 योजनाओं हेतु 103 आवेदन प्राप्त हुए हैं। उन्होंने बताया कि प्राप्त कुल 103 आवेदनों के संबंध में क्षेत्रीय प्रभारी द्वारा जाँचोपरांत ऐसे आवेदनों को सूचीबद्ध किया गया है लाभुक के रूप में चयन हेतु सभी अहर्ताएं पूरी करते हैं एवं जो अंतिम रूप से योजना क्रियान्वयन में अपने अंशदान हेतु सक्षम एवं सहमत हैं। इसपर उपायुक्त ने अधिक से अधिक लाभुकों को उक्त योजनाओं से लाभान्वित करने हेतु व्यापक प्रचार-प्रसार करने तथा विभिन्न दैनिक स्थानीय समाचार पत्रों में विज्ञापन प्रकाशन करने का निर्देश दिया।
बैठक में भारत सरकार के द्वारा प्राप्त मार्गदर्शन तथा जिला मत्स्य पदाधिकारी के द्वारा उपस्थापित प्रस्ताव के आलोक में नियमानुकूल चयनित किए गए योजनाओं के क्रियान्वयन हेतु समिति के सदस्यों द्वारा सर्वसम्मति से अनुमोदित किया गया।
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