सीआरपीएफ ने नक्सल उन्मुलन की ओर बढ़ाऐं कदम
उड़ान पंखों से नहीं, हौंसले से होती है………. विनय त्रिपाठी,कमांडेंट 11 वी बटालियन
लातेहार/ जिले में नक्सल उन्मुलन के क्षेत्र में सीआरपीएफ 11 वी वाहिनी ने कदम बढ़ाया है। अब ग्रामीणों के हाथों को हुनरमंद बना कर उन्हें आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में पहल करते हुए मनिका प्रखंड के विभिन्न क्षेत्रों के 20 महिलाओं को सिलाई,कढ़ायी में प्रशिक्षित किया एवं प्रशिक्षण की अवधी पूर्ण होने के बाद महिलाओं को जिला प्रशासन के सहयोग से निःशुल्क सिलाई मशीन उपलब्ध कराया। सबसे अहम पहलू है कि सीआरपीएफ द्वारा तीन ऐसे दिव्यांग महिलाऐं भी है,जिसका सीआरपीएफ ने हौसला अफजायी कर प्रशिक्षण दिलाया!
सीआरपीएफ 11 वीं बटालियन ने दिव्यांगों को किया प्रोत्साहित।
दिव्यांगता अभिशाप नहीं है इस भावना को 11 वी वाहिनी के. रिजर्व पुलिस बल ने पूरी तरह से सही साबित किया है दिव्यांग आत्मनिर्भर योजना के अंतर्गत श्री विनय त्रिपाठी कमांडेंट 11 वीं बटालियन के दिशा निर्देशन में वाहिनी ने यह बीड़ा उठाया था, उसे आज माटलोंग कैंप ( मनिका) दिव्यांग महिलाओं को सिलाई मशीन वितरित कर पूरा कर दिया है उनकी टीम द्वारा लातेहार के अलग-अलग क्षेत्रों से जरूरतमंद 20 बच्चियों को चयन किया गया एवं उन्हें एक माह का सिलाई कढ़ाई बुनाई का विशेष प्रशिक्षण दिया गया इसमें तीन दिव्यांग बच्चियां भी शामिल हैं जिनका सहारा सीआरपीएफ की 11 वीं वाहिनी बनी आज यह बच्चिया पूरी तरह से प्रशिक्षित होकर अपनी आजीविका चलाने के लिए आत्म निर्भर हो चुकी हैं जिसमें सरोज बरला जो 75 परसेंट पैर से विकलांग हो चुकी हैं सुप्रिया परवीन जो अपने पैर से 50% विकलांग हो चुकी हैं रीना कुमारी जो चलने में भी सक्षम नहीं है को आत्मनिर्भर बनाते हुए आज सिलाई मशीन का वितरण किया गया इसके अलावा प्रशिक्षण में रूचि लेते हुए जिन प्रतिभागियों ने अच्छी कौशल का परिचय दिया उन्हें भी सिलाई मशीन दिया गया जिसमें फूलमती देवी जयंती कुमारी बासमती कुमारी एवं अति गरीब बसंती कुमारी को भी सिलाई मशीन वितरित किया गया।
कार्यक्रम आयोजित कर प्रशिक्षित महिलाओं को दिया गया सिलाई मशीन
सीआरपीएफ में 11 वीं बटालियन के द्वारा सिलाई मशीन के तहत महिलाओं को एक माह का प्रशिक्षण दिए जाने की अवधि पूर्ण होने के बाद मटलोंग सीआरपीएफ कैंप में कार्यक्रम आयोजित कर प्रशिक्षित महिलाओं को सिलाई मशीन दी गई कार्यक्रम में सीआरपीएफ 11 वीं बटालियन के कमांडेंट विनय त्रिपाठी ने शिरकत की एवं प्रशिक्षित महिलाओं का हौसला अफजाई करते हुए कहा कि उड़ान पंखों से नहीं हौसलों से होती है और यह बात आप ने साबित कर दी है । उन्होंने कहा कि जिस तरह दिव्यांग महिलाओं ने प्रशिक्षण पाकर अपने हाथों को हुनरमंद बनाया वह काबिले तारीफ है उन्होंने महिलाओं को आत्मनिर्भर ता की ओर बढ़ने की बात कही ।इस दौरान उन्होंने कहा कि हमारा हमेशा यही प्रयास रहा है कि जरूरतमंद असहाय लोगों को हर संभव मदद करना है इसके लिए जिला अधिकारी महोदय का हम आभार व्यक्त करते हैं जिनके सहयोग से इस कार्यक्रम को हम सफल बना पाए जिनके सहयोग व हमारे वरिष्ठ कार्यालय से संपर्क कर इनकी समस्याओं का निराकरण करने का प्रयास किया जाता रहा है। द्वितीय कमान अधिकारी विनोद कुमार कनौजिया ने कहा कि सीआरपीएफ का उद्देश्य नक्सल उन्मूलन के साथ गांव का विकास है प्रशिक्षित हो कर आत्मनिर्भर बने एवं जिले एवं राज्य के विकास में सौभाग्य था निभाएं उन्होंने दिव्यांग महिलाओं का हौसला अफजाई करते हुए कहा कि दिव्यांगता अभिशाप नहीं है।स्थानीय मुखिया राजेंद्र राव ने कहा कि ११ वीं वाहिनी सीआरपीएफ हमेशा से ही हम आम जनता के लिए वरदान साबित होकर आई है सुरक्षा का भाव उत्पन्न करने के साथ-साथ स्वास्थ्य का भी देखभाल सीआरपीएफ द्वारा करना अनूठी बात है इस मौके पर द्वितीय कमान अधिकारी श्री विनोद कनौजिया सहायक कमांडेंट विशांत कुमार विनीत मिश्रा ,कुणाल कुमार उप निरीक्षक बी ड़ी चौधरी , फार्मासिस्ट विकास कुमार राजपाल रमेश कुमार
सीएम हेंब्रोम विनोद लाकड़ा गुलशन कुजुर एवं भारी तादात में ग्रामीण उपस्थित थे।
मेडिकल कैंप का भी किया गया आयोजन
कैंप कमांडर श्री विनीत कुमार मिश्रा को क्षेत्र में आम जनता से मिल रहे सुझाव के आधार पर बृहद मेडिकल कैंप का आयोजन किया गया जिसमें वाहिनी के के वरिष्ठ चिकित्सा अधिकारी श्री रुपेश कुमार द्वारा 175 जरूरतमंद महिला एवं पुरुषों का मेडिकल जांच एवं दवाइयों का वितरण किया गया जैसा की विदित है सीआरपीएफ अलग-अलग क्षेत्रों में अपना मेडिकल कैंप लगाकर रोगियों को चिन्हित करती है उन्हें आवश्यक दवाई व चिकित्सकीय परामर्श मुहैया कराती है और उनका उचित इलाज हेतु हमेशा प्रयासरत रहती हैं ।।
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