वित्तीय वर्ष 2021-22 के लिए कृषि फसलों, पशुपालन एवं मत्स्य की गतिविधि हेतु वित्तमान के निर्धारण हेतु जिला स्तरीय तकनीकि समिति की बैठक संपन्न

उपायुक्त गुमला शिशिर कुमार सिन्हा की अद्यक्षता में वित्तीय वर्ष 2021-22 के लिए कृषि फसलों, पशुपालन एवं मत्स्य की गतिविधियों हेतु वित्तमान (स्केल ऑफ फाइनैंस) के निर्धारण हेतु जिला स्तरीय तकनीकि समिति की बैठक आईटीडीए भवन स्थित उपायुक्त के कार्यालय प्रकोष्ठ में किया गया।
बैठक में जिला स्तरीय तकनीकि समिति के द्वारा वित्तमान (स्केल ऑफ फाइनैंस) के कुछ बिंदुओं पर जिला कृषि पदाधिकारी द्वारा जानकारी उपलब्ध कराई गई। जिसपर उपायुक्त ने कृषि उत्पादन के मूल्य वृद्धि दर को देखते हुए प्रति हेक्टेयर फसल लागत मूल्य तैयार करने का निर्देश दिया। साथ ही उन्होंने अधिक उपज वाले फसलों तथा उन फसलों की बुआई हेतु कुल क्षेत्र के आधार पर खरीफ एवं रबी 2021-22 में फसलों को शामिल करने का निर्देश दिया। जिला कृषि पदाधिकारी द्वारा प्रस्तुत किए गए खरीफ एवं रबी 2021-22 के विभिन्न फसलों की सूची में 12 फसल सूचीबद्ध पाए गए। जिसमें धान, मक्का, उरद, चीनीया बदाम, गेहूं, चना, सरसों, आलू, प्याज, टमाटर, अरहर आदि शामिल हैं। इसपर उपायुक्त ने उक्त सूची में कटहल एवं रागी के फसलों को शामिल करने का निर्देश दिया !
बैठक में उपायुक्त ने खरीफ एवं रबी 2020-21 तथा 2021-22 के फसलों का प्रति हेक्टेयर खेती के लागत की तुलनात्मक समीक्षा की। समीक्षा के क्रम में खरीफ एवं रबी 2020-21 की अपेक्षा खरीफ एवं रबी 2021-22 में प्याज एवं टमाटर के प्रति हेक्टेयर खेती की लागत मूल्य में कमी पाई गई। इसपर उपायुक्त ने विगत वर्ष के लिए निर्धारित दर के अनुरूप ही इस वर्ष प्याज एवं टमाटर के प्रति हेक्टेयर खेती की लागत दर का निर्धारण करने का निर्देश दिया।
बैठक में उपायुक्त ने पशुपालन एवं मत्स्य विभाग द्वारा स्केल ऑफ फाइनैंस तैयार करने की समीक्षा की। समीक्षा के क्रम में पाया गया कि पशुपालन विभाग द्वारा स्केल ऑफ फाइनैंस तैयार कर लिया गया है। वहीं जिला मत्स्य पदाधिकारी द्वारा बताया गया कि वित्तीय वर्ष 2021-22 के लिए वित्तमान निर्धारण हेतु मात्स्यिकी गतिविधियों का प्रस्ताव तैयार करते हुए राज्य स्तरीय तकनीकि समिति को प्रेषित किए जाने का निर्देश प्राप्त है तथा बिरसा ऐग्रिकल्चर यूनिवर्सिटी द्वारा मछली सह बत्तख पालन, मछली सह शूकर पालन तथा मछली सह कुक्कट पालन की आर्थिकी प्राप्त है। उक्त कार्यक्रमों को भी स्केल ऑफ फाईनैंस निर्धारण के प्रस्ताव में शामिल किया जाना है। जिसपर उपायुक्त ने जिला मत्स्य पदाधिकारी को जिला पशुपालन पदाधिकारी के साथ आपसी समन्वय स्थापित करते हुए स्केल ऑफ फाईनैंस तैयार कर प्रतिवेदित करने का निर्देश दिया।

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