किसान आंदोलन: विज्ञान भवन में छठे दौर की वार्ता शुरू, किसान नेता चार प्रमुख मांगों पर अड़े

नई दिल्ली। केंद्र सरकार के तीन नए कृषि कानून के विरोध में चल रहे 32 दिनों से किसान आंदोलन अब थमने का नाम नहीं ले रही है। ऐसे में एक बार फिर किसान नेताओं और केंद्र सरकार के बीच कृषि कानूनों के मुद्दे पर बातचीत कर पटरी पर लाने को लेकर विज्ञान भवन में बुधवार को दोनों पक्षों के बीच छठे दौर की बातचीत शुरू हो चुकी है। मोदी सरकार की तरफ से कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर, रेल मंत्री पीयूष गोयल और वाणिज्य राज्यमंत्री सोम प्रकाश बातचीत की कमान संभाले हैं, वहीं किसानों की तरफ से विभिन्न संगठनों के 40 नेता मीटिंग में हिस्सा ले रहे हैं।

सरकार और किसान संगठनों के बीच इससे पहले पांच दिसंबर को आखिरी बार विज्ञान भवन में बैठक हुई थी। इस दौरान हुई पांच दौर की वार्ता बेनतीजा रही थी। छठे दौर की बैठक 9 दिसंबर को प्रस्तावित थी मगर केंद्र सरकार के प्रस्ताव भेजने की बात पर यह बैठक स्थगित हो गई थी। केंद्र सरकार की ओर से 9 दिसंबर को भेजे संशोधन प्रस्तावों को किसान नेताओं ने खारिज कर दिया था। इसके बाद करीब 22 दिनों बाद आज बुधवार को दोनों पक्ष वार्ता की टेबल पर आए हैं।

चार मुख्य मुद्दे, जिन पर चल रही बातचीत :

किसान संगठनों ने आज विज्ञान भवन की मीटिंग में चार प्रमुख मुद्दे उठाए हैं। पहला मुद्दा तीनों कृषि कानूनों को निरस्त करने का है। दूसरी प्रमुख मांग एमएसपी को कानूनी जामा पहनाने और तीसरी मांग एनसीआर में प्रदूषण रोकने के लिए बने कानून के तहत एक्शन के दायरे से किसानों को बाहर रखने की है। किसान नेताओं ने सरकार के सामने चौथी मांग के तौर पर विद्युत संशोधन विधेयक 2020 के मसौदे को वापस लेने की बात कही है।

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