सामाजिक वेदनाओं को प्रकाशित करती पुस्तक ‘एक उड़ान’

गिरीडीह। रणधीर कुमार की यह पुस्तक सामाजिक वेदनाओं की एक प्रतिबिंब है जिसमे रणधीर ने अपनी लेखनी के माध्यम से गाँव की बचपन , दिनों दिन बढ़ रही समाजिक कुरूतियों को अपनी कविताओं में उकेरा है जिसमें प्रमुख रूप से कर्जदार किसान, मर्डर, नारी, रेप, बेटियां, बाबू जी, कई रावण, कफन, मुझे ही सुला दिया जैसी कई कविताओं की संकलन है।

डॉ रणधीर कुमार की इस पुस्तक का लेखन वर्ष 2012 में सुरु किया जिसकी जिक्र इन्होने अपने पुस्तक में अपनी बातों में किया है, जिसमें इन्होंने कहा कि एक आदिवासी इलाके में पहली बार जब शिक्षण हेतु जाना हुआ वहाँ मैंने एक अत्यंत पिछडा, अल्पसंख्यक, आदिवासी इलाको में शिक्षा की कमी को देखा, एक नन्हे से बच्चे में एक उड़ान की कल्पना को देखा उस पर अपनी प्रथम कविता एक उड़ान लिखी और इस पुस्तक का नाम एक उड़ान रखा। डॉ रणधीर कुमार ने इस पुस्तक के माध्यम से समाज के हर वर्ग, हर बेटी, हर उड़ान को परस्पर तैयार बच्चो की चेतनशीलता को समर्पित किया है इनकी सारी कविताएं का जीवंत खुद से होना समाज की प्रासंगिकता को दिखाती है और एक बेहतर समाज के स्थापना की और इंगित करती है।

पुस्तक एक उड़ान की विमोचन जल्द ही होने वाली है। इस पुस्तक पर प्रकाश डालते डॉ रणधीर ने कहा कि समय के अनुसार इंसान को अपनी मानसिकता बदलने की जरूरत है साथ ही समाज की प्रासंगिकता पर परिचर्चा करना बेहद जरुरी है , गाँव से जुड़े रहने, बेटियों में समानता लाने की जरूरत ,आदिवासी इलाकों में सरकार के जनमानस को ध्यान देने की जरूरत है। डॉ रणधीर कुमार ने इस पुस्तक को अपने दादा दिनेश्वर वर्मा (सेवानिवृत्त प्रधानाध्यापक ) एवं दादी सावित्री देवी को किया है । इस पुस्तक का प्रकाशन इटरनेशनल पब्लिकेशन हाउस ऑरेंज पब्लिकेशन ने किया है।

ज्ञात को ही डॉ. रणधीर कुमार गिरिडीह जिला के जमुआ प्रखंड के नईटाँड़ निवासी दीनदयाल प्रसाद व सावित्री देवी के पुत्र है । डॉ रणधीर कुमार के झारखंड केंद्रीय विश्वविद्यालय से अँग्रेजी लिटरेचर से इंटेग्रेटेड एम ए की शिक्षा हासिल की है साथ ही मीडिया एवं अंतरराष्ट्रीय संबंध की भी कोर्स कर चुके हैं। आईआईएम राँची से पॉलिसी गवर्नेंस एवं लीडरशिप की पढ़ाई कर चुके है। आरके डी एफ विश्वविद्यालय से पी एच डी इन इंग्लिश कर रहे हैं। सामाजिक कार्यो में अनुकरणीय योगदान हेतु मानद डॉक्टरेट से सम्मानित डॉ रणधीर कुमार ने कई पुस्तकें का लेखन कर चुके है कई अन्य पुस्तकें प्रकाशाधीन है । वर्तमान में डॉ रणधीर कुमार मानवाधिकार संगठन एन एच आर सी सी बी के राष्ट्रीय अध्य्क्ष के रूप में सेवा दे रहे हैं ।

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