रांची में सिख संगठनों ने निकाला जुलूस, व्यापारियों ने कांग्रेस के खिलाफ लगाए नारे
रांची। केंद्र सरकार के कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों द्वारा भारत बंद के दौरान रांची में राजनीतिक दल मुखर होकर सामने नजर आए। दुकानें बंद कराई और सड़क पर जुलूस निकालकर किसान बिल का विरोध किया। दूसरी तरफ व्यापारियों ने भारत बंद का विरोध करते हुए दुकानें खोलीं। दुकानें जबर्दस्ती बंद कराने पर कांग्रेस के खिलाफ नारे लगाए। किसान बिल के खिलाफ भारत बंद को रांची के गुरुद्वारा प्रबंधक समितियों का भी साथ मिला। इधर कांग्रेस नेता और मंत्री आलमगीर आलम अल्बर्ट एक्का चौक पहुंचे और बंद समर्थकों का साथ दिया।
मंगलवार की सुबह 10.30 बजे मेन रोड गुरुद्वारा से अल्बर्ट एक्का चौक तक किसानों के समर्थन में सिख संगठनों ने जुलूस निकला। गुरुद्वारा श्री नानक सत्संग सभा के अध्यक्ष हरविंदर सिंह बेदी ने बताया कि यह जुलूस केवल दिल्ली बॉर्डर पर बैठे किसानों के लिए नहीं है, बल्कि राज्य और देश के सभी किसानों के लिए है। उन्होंने कहा कि झारखंड के किसान इस बिल से होने वाले नुकसान के बारे में ज्यादा जानकारी नहीं रखते हैं।
ऐसे में हम हर संभव कोशिश करके उनके बीच जागरूकता लाएंगे। किसान बिल देश के हर किसान के लिए एक बड़ी मुसीबत है। केंद्र सरकार भी किसान बिल में संशोधन की जरूरत को समझती है। इसका साफ अर्थ है कि केंद्र सरकार को भी इस बिल की खामियों के बारे में जानकारी है। अगर ऐसा है तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को खुद इस बिल को वापस लेना चाहिए। हरविंदर सिंह बेदी ने कहा कि राज्य में जहां भी जुलूस निकलेगा, वह शांतिपूर्ण होगा और केवल किसानों के हित और समर्थन में होगा।
जबरदस्ती बंद करवाई दुकान, 20 मिनट में खुल गई
अपर बाजार में कांग्रेस कार्यालय के पास स्थित सुशीला मार्केट में 12.00 बजे कांग्रेस कार्याकर्ता पहुंचे और दुकानों को जबर्दस्ती बंद कराने की कोशिश की। इस मार्केट में थोक वस्त्र विक्रेता संघ के कई सदस्यों की दुकान है। इस बीच दुकान संचालकों और कांग्रेस कार्यकर्ताओं के बीच हल्की गर्मा-गर्मी भी हुई। उत्साहित कांग्रेस कार्यकर्ता मार्केट में कपड़े की दुकानों को जबर्दस्ती बंद करा रहे थे। मगर विक्रेता दुकान बंद करने को तैयार नहीं थे।
हालांकि कार्यकर्ताओं ने जबर्दस्ती दुकान के शटर बंद कर दिए। बता दें कि झारखंड थोक कपड़ा विक्रेता संघ इस बंद के साथ नहीं है। संघ के सदस्य प्रमोद सारस्वत ने कहा कि कपड़ा व्यापार का किसान बिल से लेना-देना नहीं है। इस बिल में जब सरकार संशोधन को तैयार है तो फिर भारत बंद करने का क्या मतलब है। शादी-विवाह के समय ऐसा करने से कुछ पार्टियों के कारण राज्य का पूरा व्यापार प्रभावित हो रहा है। यह बिल किसान हित से निकलकर राजनीतिक हित में जाता हुआ दिख रहा है।
आम दिनों की तरह सुबह 11:00 बजे अपर बाजार में दुकानदार अपनी दुकान खोल रहे थे। इस बीच कुछ लोग जुलूस की शक्ल में आए और दुकान बंद करने की अपील की। महावीर चौक के पास कुछ दुकानों को जबरदस्ती बंद कराया गया। हालांकि लगभग 20 मिनट बाद ही दुकानदारों ने अपनी दुकान फिर से खोल ली। सुबह 11:00 बजे तक अपर बाजार में ग्राहकों की ज्यादा भीड़ नहीं नजर आई।
अप्पर बाजार महावीर चौक व्यापारी संघ के द्वारा इस बंद पर इस बंद पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी गई। अपर बाजार के इलेक्ट्रॉनिक दुकानदार निक्की शर्मा ने बताया कि वह पूरे दिन दुकान खोल कर रखेंगे और ग्राहकों से अपील की कि वह बाजार में जरूर आएं। उन्होंने कहा कि करोना काल में हुए बड़े नुकसान के बाद अगर आप फिर इस तरह की चीजों के लिए बाजार को बंद किया गया तो बहुत प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा।
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