सांसद जयंत सिन्हा जी ने जलवायु परिवर्तन पर आयोजित महत्वपूर्ण चर्चा को किया संबोधित

झारखण्ड ब्यूरो उमेश सिन्हा

हम सभी अवगत हैं कि आज भारत समेत पूरे विश्व के लिए जलवायु परिवर्तन एक बड़ी चुनौती बनी हुई है। इस दिशा में दुनिया भर में अनेक कदम उठाये जा रहे हैं।

भारत में होने वाला रायसीना डायलाग दुनिया के बहुचर्चित आयोजनों में से एक है। माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी ने 2 मार्च 2023 को इटली की माननीय प्रधानमंत्री जॉर्जिया मेलोनी जी के साथ इसका उद्घाटन किया। इसमें देश-विदेश के दिग्गज नेता, सैन्य अधिकारी, वैज्ञानिक, विशेषज्ञ और अन्य विशेष प्रतिनिधि शामिल हुए। माननीय सांसद सह अध्यक्ष वित्त संबंधी संसदीय स्थायी समिति श्री जयंत सिन्हा जी ने इस कार्यक्रम में जलवायु परिवर्तन पर आयोजित चर्चा की अध्यक्षता की। इस चर्चा में लंदन स्कूल ऑफ़ इकोनॉमिक्स के प्रोफेसर निकोलस स्टर्न जी, सिंगापुर के वरिष्ठ मंत्री थर्मन शन्मुगरत्नम जी, एमिरेट्स पॉलिसी सेण्टर की अध्यक्ष डॉ. एब्तेसम अल-केतबी जी समेत अन्य कई गणमान्य विशेषज्ञ उपस्थित थे। यह संवाद बेहद सार्थक व ऊर्जात्मक रहा। इसमें जलवायु परिवर्तन के संबंध में कई आवश्यक मुद्दों पर विस्तृत संवाद किया गया।

श्री जयंत सिन्हा जी जलवायु परिवर्तन की चुनौती से निपटने के लिए अपने सुझावों, कार्यों व रिपोर्टों से विशेष योगदान दे रहे हैं। उन्होंने इस संबंध में कुछ माह पूर्व इंटरनेशनल सोलर अलायन्स के आयोजन में वैश्विक जलवायु गठबंधन पर रिपोर्ट भी प्रस्तुत की थी। उन्होंने इस दौरान दक्षिणी देशों में जलवायु परिवर्तन के क्षेत्र में क्रांति लाने के लिए एक ऐसे संगठन का निर्माण करने का प्रस्ताव दिया था, जो सभी देशों में एकजुटता को बढ़ावा दे सके। उन्होंने कहा था कि यह संगठन दक्षिणी देशों के लिए लाभकारी होगा। साथ ही इससे पर्यावरण संबंधी समस्याओं में भी कमी आएगी। उत्तरी देशों से आर्थिक सहायता मिलने पर दक्षिणी देश अपने पर्यावरण संबंधी लक्ष्यों को जल्दी हासिल कर पायेंगे। इससे उत्तरी देशों को भी रोज़गार के नए अवसर खुलने से लाभ होगा और प्रतिस्पर्धा बढ़ेगी। साथ ही यह हमारी पृथ्वी के लिए भी अत्यंत लाभकारी होगा क्योंकि हम नेट जीरो का लक्ष्य जल्दी हासिल कर पायेंगे।

श्री जयंत सिन्हा जी ने नई दिल्ली में जलवायु परिवर्तन पर चर्चा में कहा कि अन्य देशों की तरह आज भारत भी जलवायु परिवर्तन की चुनौती का सामना कर रहा है। इसके लिये हमें ग्रीन इन्वेस्टमेंट को बढ़ावा देने की बेहद जरूरत है। हमें भारत में विदेश से निवेश बढ़ाना होगा ताकि हम पर्यावरण के अनुकूल उत्पादों का उपयोग कर सकें। माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी की सरकार इस दिशा में हर आवश्यक कदम उठा रही है। भारत की जी-20 की अध्यक्षता इस दिशा में हमारे प्रयासों को और मज़बूती देगी। प्रधानमंत्री जी ने भारत के लिए जलवायु परिवर्तन के संबंध में जो लक्ष्य रखे हैं, वो दुनिया के लिए आने वाले समय में वरदान साबित होंगे।

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