पकरी बरवाडीह कोल खनन परियोजना मे किए गए 100 एकड़ वन भूमि पर अवैध खनन के मामले पर एनटीपीसी के अधिकारियों पर किया जाए एफ आई आर दर्ज-अंबा प्रसाद
झारखण्ड ब्यूरो उमेश सिन्हा
बड़कागांव:- एनटीपीसी पकरी बरवाडीह कोल खनन परियोजना में 37.20 हेक्टेयर (करीब 100 एकड़) भूमि पर अवैध खनन के मामले को लेकर स्थानीय विधायक अंबा प्रसाद ने विधानसभा में फिर से मामला उठाया। ज्ञातव्य हो कि शीत सत्र के दौरान भी विधायक ने इस मामले को जोरदार तरीके से सदन में रखा था।
विधानसभा के बजट सत्र के दौरान विधायक अंबा प्रसाद ने वन पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन विभाग के मंत्री को प्रश्न करते हुए कहा की 100 एकड़ वन भूमि में अवैध खनन की पुष्टि हुई तथा एनटीपीसी पर जुर्माना लगाने की अनुशंसा भी की गई है लेकिन अवैध खनन के लिए ना तो किसी एनटीपीसी के पदाधिकारी की जिम्मेदारी तय की गई है और ना ही उनके खिलाफ किसी तरह की कार्रवाई की अनुशंसा की गई है। एनटीपीसी के पकरी बरवाडीह कोल खनन परियोजना में फॉरेस्ट क्लीयरेंस की शर्तों का उल्लंघन कर जीवन रेखा/दोमुहानी नाला/नदी को बर्बाद कर दिया है और इस संबंध में एनटीपीसी, वन विभाग व जिला प्रशासन ने अवैध खनन में जुर्माने के अलावा आरोपियों पर अन्य कार्रवाई नहीं की है।
विभागीय मंत्री ने विधायक अंबा प्रसाद के प्रश्न किए गए मामले पर सभी बातों को लिखित रूप से स्वीकारा व जवाब दिया है कि एनटीपीसी परियोजना में भारत सरकार से stage-2 में लगाए गए शर्त संख्या आठ का उल्लंघन करते हुए दोमुहानी नाला में 37.20 हेक्टेयर भूमि पर अवैध खनन किया गया है जिसकी सूचना पूर्ण विवरण के साथ राज्य सरकार एवं भारत सरकार को समर्पित है। भारत सरकार पर्यावरण वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय नई दिल्ली द्वारा इस मामले को फॉरेस्ट एडवाइजरी कमिटी की बैठक में रखा जा चुका है। भारत सरकार पर्यावरण वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय नई दिल्ली के आदेश के माध्यम से जांच हेतु समिति का गठन किया गया है एवं भारत सरकार पर्यावरण वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय नई दिल्ली के पत्र के माध्यम से दिनांक 17 फरवरी 2023 द्वारा समिति को प्रतिवेदन शीघ्र समर्पित करने का अनुरोध भी किया गया है जिसका स्थल भ्रमण भी निकट भविष्य में संभावित है तत्पश्चात भारत सरकार नई दिल्ली द्वारा प्राप्त निर्देश के आलोक में कार्रवाई का आश्वासन दिया।
विभागीय मंत्री द्वारा प्राप्त आश्वासन के पश्चात सरकार से अंबा प्रसाद ने दोषी अधिकारियों और कर्मियों पर वन एवं वन भूमि को बचाने हेतु कदम उठाने तथा खान एवं खनिज अधिनियम, वन अधिनियम, वन्य प्राणी अधिनियम एवं वन संरक्षण अधिनियम की अनदेखी कर अवैध रूप से खनिज निकालने पर एनटीपीसी के दोषी अधिकारियों पर आईपीसी की धाराओं में फॉरेस्ट केस और एफआईआर दर्ज कर दंडात्मक कार्रवाई करने एवं जंगल और खनिज की क्षति पर लगाम लगाने की मांग की।
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