गारे के शौर्य दिवस का आयोजन
रायगढ़ जिला ब्यूरो चीफ रिपोर्ट
रायगढ़ जिले के तमनार विकास खंड में राष्ट्रीय मानवाधिकार एवं अपराध नियंत्रण ब्यूरो,मेहनतकश मजदूर किसान एकता मंच गारे के तत्वावधान में शौर्य दिवस का आयोजन किया गया।ज्ञात हो कि सन् दो हजार आठ में खम्हरिया में पांच जनवरी को भू-अधिग्रहण करने के वास्ते जनसुनवाई की गई। जिसका स्थानीय प्रभावित क्षेत्र के किसानों ने प्रबलता पूर्वक विरोध किया और जनसुनवाई को निरस्त करने की मांग की गई, उनका तर्क था कि भू-अधिग्रहण से उनके जीवनयापन का आधार छिन जाएगा।वे भूमिहीन हो जाएंगे। किसानों, प्रभावितों का दमन करने निहत्थे ग्रामीणों के ऊपर लाठीचार्ज कर दिया गया। परिणाम स्वरूप डाक्टर हरिहर प्रसाद पटेल सहित सैकड़ों लोग घायल, लहूलुहान हो गए।आहत होकर मेहनतकश मजदूर किसान एकता संगठन और कोयला सत्याग्रह के जन्मदाता और राष्ट्रीय मानवाधिकार एवं अपराध नियंत्रण ब्यूरो के संभाग अध्यक्ष डाक्टर हरिहर प्रसाद पटेल ने बताया कि इसी कारित घटना की याद में प्रतिवर्ष पांच जनवरी को काला दिवस मनाया जाता था लेकिन अब इसे शौर्य दिवस के रूप में मनाया जाता है। लाठीचार्ज की निंदा की जाती है।न्याय की गुहार की जाती है।*जिसकी जमीन उसका खनिज* की मांग की जाती है, जो कि भूस्वामी किसानों की हक में हो। किसान का विकास, स्थानीय लोगों का विकास होना चाहिए, नहीं हो रहा है। ग्रामीणों की आवाज को सुननेवाला कोई नहीं है। फिर भी आशा जीवित है कि कभी-न-कभी सरकार हमारी मांगों पर दृष्टि रखेगी।यह जल्दी होना चाहिए। उन्होंने आगे कहा कि जब तक एकता का पाठ नहीं पढ़ा जाएगा तब तक क्षेत्र की संस्कृति अस्मिता तथा अपने अधिकारों को बचाए रखना संभव नहीं है। शौर्य दिवस के मंच ने अपील की है कि अभी भी अवसर है,जागने का। संगठित हों। इस अवसर पर जन चेतना मंच के राजेश त्रिपाठी, सविता रथ, तमनार से कृष्णा साव,अमृत भगत,राष्ट्रीय मानवाधिकार एवं अपराध नियंत्रण ब्यूरो के संभाग संरक्षक प्रफुल्ल कुमार पटनायक ने शौर्य दिवस पर सारगर्भित उत्प्रेरक विचार प्रस्तुत किए। आगामी रणनीतियों पर कार्य करने का निर्णय लिया गया। जिससे क्षेत्र के समस्त निवासियों को जागरूक और एकता स्थापित किया जा सके।
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