हेसालौंग में जनकथाकार मुंशी प्रेमचंद की मनी जयंती  प्रेम चंद पुस्तकालय का 18वां स्थापना दिवस भी मनाया गया 

झारखण्ड ब्यूरो /उमेश सिन्हा

गिद्दी :जनकथाकार प्रेमचंद पुस्तकालय, हेसालौंग के द्वारा मुंशी प्रेमचंद की 142 वीं जयंती सह पुस्तकालय का 18वां स्थापना दिवस भी मनाया गया. इस मौके पर एक सेमीनार का आयोजन भी किया गया था. कार्यक्रम का विषय “वर्तमान समय और प्रेमचंद” रखा गया था. जिसपर मुख्यवक्ताओं द्वारा अपने अपने विचार रखे गए.जिसमें स्थानीय कथाकार कालेश्वर, जिन्हें झारखंड का प्रेमचंद भी कहा जाता है, ने कहा प्रेमचंद किसानों के लेखक थे.उनकी लिखी कहानियां आज भी प्रासांगिक है. पुस्तकालय सचिव डॉ. कृष्णा गोप ने कहा प्रेमचंद की रचनाएं मनुष्यता को बचाने के लिए एक औज़ार की तरह है.वर्तमान समय में प्रेमचंद की कहानियों को पढ़कर मानवता को बचाने के लिए खड़े होने की आवश्यकता है.पुस्तकालय सदस्य सुशांत कुमार ने कहा प्रेमचंद की कहानियां सबको पढ़नी चाहिए. प्रियंका कुमारी ने कहा उनकी रचनाओं में गाँव बसता है.अशोक राम ने कहा कि अतीत की कहानियां आज भी वर्तमान समय में कालजयी है.व्याख्याता कैलाश राणा ने कहा पुस्तकालय को और बेहतर करने की जरूरत है. इस कार्यक्रम में मुख्य रूप से कथाकार कालेश्वर,डॉ.कृष्णा गोप ,सत्येन्द्र कुमार राणा,सुशांत कुमार,प्रियंका कुमारी,सीता कुमारी,सोनम कुमारी,अशोक राम,आर्यन,हिमांशु,हिमानी,एवं दिव्यांशु उपस्थित थे.

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