भू माफिया वन विभाग की जमीन पर धड़ल्ले से कर रहे हैं अवैध निर्माण
झारखण्ड ब्यूरो/उमेश सिन्हा
पतरातू प्रखंड के कोतो पंचायत में भू माफियाओं के द्वारा वन विभाग की जमीन पर किया जा रहा है अवैध निर्माण। वन विभाग के रेंजर अरुण सिंह तथा वनरक्षी संतोष टोप्पो ने आकर निर्माण कार्य रुकवाया। बताते चलें कि भू माफियाओं का मनोबल इतना बढ़ा हुआ है कि वन विभाग की जमीन और जंगलों को अवैध रूप से अपने कब्जे में कर चारों और बाउंड्री का निर्माण कर प्लाटिंग करके इसे या तो बेच रहे हैं या खुद निर्माण कार्य करवाने में जुटे हैं। ऐसे लोगों को ना प्रशासन और न विभाग का डर है। पीटीपीएस कॉलेज के पीछे की सारी जमीन और पहाड़ों को भी इन लोगों ने अवैध रूप से अपने कब्जे में लेकर उन पर निर्माण कार्य को पूरे जोर-शोर से अंजाम दे रहे हैं। वहीं बीते दिनों वन विभाग के रेंजर अरुण सिंह एवं वनरक्षी तथा विभागीय अमीन के साथ आकर इन जमीनों की मापी करवाने के बाद अवैध निर्माणों को रोकने की बात कह कर इन लोगों को चेतावनी देते हुए कहा कि अपने अवैध निर्माण रोक दीजिए अन्यथा आप लोगों पर कानूनी कार्यवाही की जाएगी। भू माफियाओं का मनोबल और और जमीन की भूख इतनी बढ़ गई है कि वन विभाग की जमीन को भी धड़ल्ले से निगलने में लगे हैं। इस बात की खबर मिलते ही रेंजर अरुण सिंह ने त्वरित कार्रवाई करते हुए इन लोगों के निर्माण को रुकवा कर कानूनी कार्रवाई करने की बात कही। उस दौरान क्षेत्र के जाने-माने समाजसेवी भुनेश्वर सिंह भी वहाँ उपस्थित रहे और इस तरह की हरकत को गलत कह कर उन्हें समझाया। अब देखना यह है कि वन विभाग के पदाधिकारियों एवं समाजसेवी के मना करने के बाद भी ऐसे भू माफिया अपने अवैध निर्माणों को रोकते हैं या इसको सिरे से खारिज कर देते हैं। यहाँ सबसे बड़ी बात यह है कि इन
अवैध रूप से निर्मित बाउंड्री को अपने छिपने की जगह समझ कर छोटे उम्र के बच्चे करते हैं विभिन्न प्रकार के नशे।
शाम ढलते ही नशेड़ी एवं असामाजिक तत्वों का होने लगता है जमावड़ा
ऐसे में यदि क्षेत्र में नशे की लत और अपराध में वृद्धि होती है तो कहीं ना कहीं ऐसे अवैध निर्माण करने वाले लोग इसके जिम्मेदार होंगे। भला कैसे कोई वन विभाग की जमीन को इस तरह अवैध रूप से हासिल करने का निरंतर प्रयास कर सकता है।
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