
1932 पर लिया गया निर्णय का हम स्वागत करते हैं,लेकिन हेमंत सोरेन सरकार का मन साफ नहीं है:लालचंद
झारखण्ड राज्य ब्यूरो/दशरथ विश्वकर्मा
आज पिछड़ा वर्ग संघर्ष मोर्चा के प्रधान कार्यालय मै प्रेस कॉन्फ्रेंस हुई जिसमें मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष पूर्व मंत्री श्री लालचंद महतो ने कहा कि झारखंड सरकार द्वारा 1932 पर लिया गया निर्णय का हम स्वागत करते हैं लेकिन उसमें अंतिम सर्वे को लेकर घोषणा करना चाहिए था उससे राज्य के तमाम जिला के मूल वासियों एवं आदिवासियों को लाभ मिलता साथ साथ झारखंड सरकार ने पिछड़ों के लिए 27 परसेंट आरक्षण देने का भी निर्णय लिया है इसका भी आधा अधूरा स्वागत करते हैं क्योंकि पिछड़ा वर्ग संघर्ष मोर्चा 2002 से लगातार पिछड़ों का 27% से घटाकर के राज्य निर्माण के बाद 14% कर दिया गया है इसका बराबर विरोध करते रहे हैं और हम लोग मांग करते रहे हैं कि पिछड़ों को 36% आरक्षण मिले क्योंकि पिछड़ों का आबादी 56% है इस संबंध में राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग ने भी राज्य सरकार को पिछड़ों का आरक्षण 36% से 50% करने की सिफारिश भेज चुकी है । लेकिन राज्य सरकार दोनों निर्णय 1932 का और 27% आरक्षण का निर्णय लेकर यह भी प्रस्ताव पास किया है की केंद्र सरकार को प्रस्ताव भेजा जाएगा की संविधान के अनुच्छेद 9 में दोनों प्रस्ताव को शामिल किया जाए । यह जो प्रस्ताव भेजा गया है इसे ना तो केंद्र सरकार शामिल करेगी ना राज्य सरकार लागू करेगी । अनुच्छेद 9 में शामिल कराने का प्रस्ताव पास का एक तरफ से छलावा है दिखावा है हेमंत सोरेन सरकार का मन साफ नहीं है इसीलिए अगर इसे लागू करना चाहती है तो उन क्षेत्रों में शामिल करने के लिए केंद्र सरकार को भेजने के स्थान पर राज्य सरकार स्वतह विधानसभा में पास करके इसको अविलंब लागू करें साथ ही साथ जो बाहर के लोग हैं जो यहां बस चुके हैं जिनका संबंध दूसरे राज्यों से कट चुका है और झारखंड से जो जुड़ चुके हैं उनके बारे में भी समावेश के लिए नीति बनना चाहिए। उक्त संवाददाता सम्मेलन में मोर्चा के वरिष्ठ उपाध्यक्ष डॉ दिलीप सोनी एवं उपाध्यक्ष अब्दुल खालिक भी उपस्थित थे। भवदीय अब्दुल खालिक प्रदेश उपाध्यक्ष पिछड़ा वर्ग संघर्ष मोर्चा झारखंड फोन 9534158707
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