बाढ़ में राहत तथा बचाव संबंधी समस्त तैयारियां 15 जून तक कर लें- कमिश्नर

 

जिला ब्यूरो रिपोर्ट सतना /सुधीर शुक्ला
कलेक्ट्रेट रीवा के एनआईसी केन्द्र से रीवा संभाग के कमिश्नर अनिल सुचारी ने वीडियो कॉन्फ्रेसिंग के माध्यम से बाणसागर परियोजना से जुड़े जिलों में बाढ़ की स्थिति में राहत एवं बचाव तैयारियों की समीक्षा की। कमिश्नर ने कहा कि सभी जिलों के अधिकारी बाढ़ संभावित क्षेत्रों का दौरा करके 15 जून तक राहत एवं बचाव कार्य से जुड़ी तैयारियां पूरी कर लें। बाढ़ की स्थिति में राहत शिविर लगाने के लिये स्थान के चयन से लेकर बचाव दल, राहत के उपकरण, दवाओं, खाद्य सामग्री की आपूर्ति तथा बिजली एवं पानी की व्यवस्था से जुड़ी कार्यवाहियां सुनिश्चित करें। बाढ़ पर नियंत्रण के लिये समय पर सूचनाओं का आदान-प्रदान आवश्यक है। जिला तथा तहसील स्तर पर बाढ़ नियंत्रण केन्द्र स्थापित करके इनमें प्रशिक्षित कर्मचारी तैनात कर दें। सूचनाओं का एक दूसरे को लगातार आदान-प्रदान करते रहें। बांधों से पानी छोड़े जाने अथवा लगातार वर्षा की स्थिति में सभी जिले सतत संपर्क में रहें। बाढ़ में जनधन की हानि रोकने तथा शासकीय संपत्ति की सुरक्षा के प्रयास करें। सतना कलेक्ट्रेट के एनआईसी कक्ष से पुलिस अधीक्षक धर्मवीर सिंह, आयुक्त नगर निगम तन्वी हुड्डा, एसडीएम रामनगर एचके धुर्वे, एसडीएम अमरपाटन केके पाण्डेय, एसडीएम मैहर सुरेश अग्रवाल, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ एके अवधिया एवं कमाडेंट होमगार्ड आईके ओपनारे समीक्षा बैठक में शामिल हुये।
कमिश्नर श्री सुचारी ने कहा कि बाणसागर बांध की अप स्ट्रीम तथा डाउन स्ट्रीम में बाढ़ संभावित क्षेत्र चिन्हांकित हैं। अप स्ट्रीम में सतना तथा शहडोल जिलों में बांध के जल भराव क्षेत्र में अस्थायी बस्ती बनाकर खेती की जाती है। इन क्षेत्रों से 15 जून तक सभी बस्तियां हटा दें। सभी एसडीएम अपने क्षेत्र के बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का दौरा कर लें। बाढ़ से बचाव के लिये व्हाट्सएप ग्रुप बनाकर विभिन्न विभागों के संबंधित अधिकारियों को जोड़ें। इस ग्रुप में गांव के कुछ व्यक्तियों तथा पटवारी, ग्राम पंचायत सचिव, आंगनवाड़ी कार्यकर्ता जैसे मैदानी कर्मचारियों को भी शामिल करें। समय पर सही सूचना मिलने से राहत और बचाव कार्य में असानी होगी। बाणसागर बांध की डाउन स्ट्रीम में सीधी तथा सिंगरौली जिले के 129 गांव बाढ़ संभावित हैं। आपदा प्रबंधन के लिये संबंधित विभागों के अधिकारियों को निर्देश पत्र जारी कर दिये गये हैं। इनके अनरूप कार्यवाही करें।
वीडियो कान्फ्रेंसिंग में कमिश्नर शहडोल श्री राजीव शर्मा ने कहा कि सभी अधिकारी बाढ़ आपदा प्रबंधन के लिये सजग रहें। आपस में सतत संवाद और समन्वय बनाकर राहत और बचाव कार्य करें। लगातार वर्षा होने पर बांधों तथा नदियों के जल स्तर पर सतत निगरानी रखें। बैठक में कलेक्टर सिंगरौली राजीव रंजन मीणा तथा कलेक्टर सतना ने बताया कि बाढ़ संभावित क्षेत्रों में समस्त तैयारियां कर ली गई हैं। कलेक्टर शहडोल सतेन्द्र सिंह तथा कलेक्टर सीधी रवीन्द्र कुमार चौधरी ने वीडियो कान्फ्रेंसिंग में बताया कि प्रत्येक बाढ़ संभावित गांव में आपदा प्रबंधन दल गठित कर दिया गया है। कलेक्टर रीवा डॉ. इलैयाराजा टी ने बताया कि रीवा शहर तथा त्योंथर क्षेत्र के 129 गांवों में बाढ़ का खतरा रहता है। इनमें राहत तथा बचाव के लिये कार्ययोजना तैयार कर ली गई है। जिला एवं तहसील स्तर पर कंट्रोल रूम शुरू हो गये हैं। वीडियो कान्फ्रेंसिंग में डीआईजी अनिल सिंह कुशवाह ने कहा कि पुलिस कंट्रोल रूम से जिला स्तरीय बाढ़ कंट्रोल रूम सतत संपर्क में रहे। पुलिस कंट्रोल रूम में बिजली तथा होमगार्ड के बचाव दल वाहन सहित तैनात रहें।
बैठक में मुख्य अभियंता गंगा कछार सीएम त्रिपाठी ने बाणसागर बांध के संबंध में जानकारी देते हुए बताया कि बांध के जल भराव क्षेत्र में 79 गांव आंशिक रूप से डूब में आते हैं। इन गांवों में ही बाढ़ की समस्या होती है। बांध के पूरे क्षेत्र को 6 जोन में बांट कर जोनल अधिकारी तैनात कर दिये गये हैं। कटनी जिले के 27 गांव तथा उमरिया जिले के 18 गांव बांध के बैक वाटर से प्रभावित होते हैं। बैठक में लोक निर्माण विभाग को अति वर्षा की स्थिति में जलमग्न होने वाले पुल-पुलियों में संकेतक तथा बैरियर लगाने के निर्देश दिये गये।

 

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