कोरोना से ज्यादा भयावह है हमारी सड़कें: डॉ॰ संग्राम
* भारत में हर एक मिनट में ओसतन एक सड़क दुर्घटना
* यहाँ हर चार मिनट मे ‘रोड एक्सिडेंट’ में एक जान चली जाती है
* वजह है – लापरवाही, नशा और सड़कों की हालत
* बारिश में पानी निकासी बेअसर से दुर्घटनाओं को न्योता
* हादसों को टालना हम सबके “ हाथ “ (स्टीरिंग / हैंडल) में है
राष्ट्रीय मानवाधिकार / एंटि-करप्शन एवं क्राइम कंट्रोल ब्यूरो के रा॰ स॰ / विधि सचिव डॉ संग्राम सिंह ने गत
दिवस उपरोक्त विचार चेंज मीडिया से मुखातिब होते हुए व्यक्त किए। इस अभियान में उनके साथ प्रो॰ आर॰ के
बासु, सतपाल यादव (सा॰का॰) व सुरेश कुमार साथ थे। उन्होने कहा की हमारे देश में 50 लाख कि॰मी॰ सड़कों
का जाल बिछा हुआ है। वाहनों की भरमार के साथ अफसोसनाक बात ये है कि , सड़क दुर्घटनाओं में भी
बढ़ोतरी हो रही है । एन॰सी॰आर॰बी एवं एम॰ओ॰आर एंड टी॰ के आंकड़ों के मुताबिक हमारे देश में हर साल
लगभग 05 लाख सड़क दुर्घटनाएँ होती हैं जिनमें करीब 1.60 लाख लोग अपनी जानें गवां देते हैं, जिनमें एक
चोथाई एक्सीडेंट्स दुपहिया वाहनों के हैं ।डॉ संग्राम ने कहा कि इस बारे में जमीनी स्तर पर आमजन को
जागरूक करने कि जरूरत है। जिसमें नशे में वाहन न चलाना, सड़क सुरक्षा नियमों का पालन करना, वाहन कि
गति नियंत्रित रखना और दुंध/बारिश में वाहन कि रफ्तार बेहद कम रखना, शामिल हैं। इस सबके के लिए
हमारी सड़कें भी कम जिम्मेदार नहीं हैं, जो बदकिस्मती से कई पॉइंट्स तो खूनी स्पोट्स के नाम से बदनाम हैं।
सरकार व संबन्धित विभाग कि ये ज़िम्मेदारी बनती है कि अगर कोई हादसा सड़कों कि वजह से न हो। उन्होने
कहा कि नए साल में हम सबको शपथ लेनी चाहिए जिस तरीके से हम कोरोनो कि जंग में उसको हरा रहे हैं
उसी तरह से हमें “ रोड सेफ़्टी ” को भी प्राथमिकता देनी होगी। व्लु॰एच॰ओ॰ ने भी इसे किसी बड़े रोग से कम
नहीं माना है। डॉ संग्राम ने नव वर्ष कि शुभ कामनायेँ देते हुए आगे कहा कि हमें नए साल में और कई संकल्पों के
साथ ये संकल्प भी लेना है कि “ जान है तो जहान है”। अकेले मोटर व्हिकल एक्ट, 2020 का काम नहीं
दुर्घटनाओं को रोकना बल्कि इन हादसों को टालना हम सबके “ हाथ “ (स्टीरिंग/हैंडल) में है।
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