नवरात्र का आठवां दिन (दुर्गाष्टमी): माता महागौरी की आराधना,श्वेते वृषे समारूढ़ा श्वेतांबर धरा शुचि:।महागौरी शुभं दद्यान्महादेव प्रमोददा ॥
झारखण्ड संवादाता/ दशरथ विश्वकर्मा
नवरात्रि की अष्टमी तिथि को मां दुर्गा के मां महागौरी स्वरूप की उपासना की जाती है। मां महागौरी का रंग पूर्णता गोरा होने के कारण ही इन्हें महागौरी या श्वेताम्बरधरा भी कहा जाता है। मान्यता है कि मां महागौरी की पूजा करने से धन व सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है। महागौरी की उपासना से उपासक की सभी मनोकामनाओं की पूर्ती होती है। इनकी उपासना से भक्त के सभी पाप धूल जाते है एवं भविष्य में पाप, दुःख, संताप उसके पास नहीं जाते। महागौरी की आराधना से भक्त सभी प्रकार के पुण्यों का अधिकारी हो जाता है। देवी महागौरी को सुख-शांति की अधिष्ठात्री देवी भी कहा जाता है। जो लोग नवरात्रि के नौ दिन व्रत नहीं रख पाते है, वो नवरात्रि के पहले और आठवें दिन व्रत रख लेने मात्र से सम्पूर्ण नवरात्रि व्रत का पुण्य प्राप्त कर लेते है। ऐसे लोग अष्टमी का व्रत रखते है और नवमी को कन्या पूजन करते है।
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