काव्य सरस में सराबोर हुआ सकरबोगा. रात्रि 3 बजे तक गूंजते रहे ठहाकों की गूंज
रायगढ़ ब्यूरो पियूष पटनायक की रिपोर्ट
साहित्य की पहचान सिर्फ शहर तक सीमित नहीं है अब गांव गाँव-कस्बों में भी कवि सम्मेलन को पसंद किया जाने लगा है,जिसका उदाहरण पेश किया ग्राम सकरबोगा के साहित्य प्रेमी श्रोताओं ने , ब्रजेश के प्रयास और गुलशन खम्हारी ‘प्रद्युम्न’,अजय पटनायक ‘मयंक’ के संयोजन में गणेश उत्सव के अवसर पर विराट कवि सम्मेलन आयोजित की गई,जिसमे जाने माने साहित्यकार अरविंद सोनी सार्थक,सुधा देवांगन ‘सूची’,अजय पटनायक ‘मयंक’,तेजराम नायक ‘तेज’ गुलशन खम्हारी ‘प्रद्युम्न’ सुखदेव राठिया “वनगिहा”, नेहा ठेठवार ‘चिंगारी’, केशिका साहू,लालन प्रधान,संतोष सा, ऋषिकेश,ने अपने-अपने काव्य रस से सभी श्रोताओं को मंत्र मुग्ध कर दिया।सरपंच प्रदीप सा की अध्यक्षता और शरद यादव ‘अक्स’ के हास्य से भरे सफल संचालन से कार्यक्रम की सफल शुरुआत हुई जो रात्रि 3 बजे तक चली,इस सफलतम आयोजन को सनातन भोय, तपेश सा, देवेश, संदीप, समीर, विवेक, अंकित, अजीत, गुड्डु, छबिलाल, रोहित, खितिभूषण, प्रकाश, ब्रजेश, चिंटू, गीतेश, राकेश, अखिलेश में पराकष्ठा तक पहुंचाया,वही जितेंद्र सर, अंजन प्रधान,पम्पू, सुधानन् विश्वाल की उपस्थिति ने कार्यक्रम को चार चांद लगा दिया,कार्यक्रम अंत मे सभी साहित्यकारों को स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया,समापन की घोषणा जगत गुप्ता ने की, कार्यक्रम के सफल आयोजन के लिए समस्त गांव वासियों ने शुभकामनाएं दी।
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