चट्टी बारियातू कोल खनन परियोजना हेतु की गई फर्जी ग्रामसभा की हो जांच, किया जाए भूमि अधिग्रहण अधिनियम 2013 लागू-अंबा प्रसाद
झारखण्ड ब्यूरो/उमेश सिन्हा
दिन सोमवार को विधानसभा सदन पर हजारीबाग जिला अंतर्गत बड़कागांव विधानसभा क्षेत्र के केरेडारी प्रखंड के चट्टी बारियातू कोल खनन परियोजना का मामला गूंजा| बड़कागांव विधायक अंबा प्रसाद ने ध्यानाकर्षण सूचना के माध्यम से सदन का ध्यान आकृष्ट कराते हुए बताया कि हजारीबाग जिला अंतर्गत केरेडारी प्रखंड के चट्टी बारियातु पंचायत में एनटीपीसी एवं उनके अधीनस्थ कंपनी के द्वारा बगैर भूमि अधिग्रहण अधिनियम 2013 लागू किए एव वन अधिकार अधिनियम 2006 लागू किए, आरएनआर की पॉलिसी,रोजगार एवं अन्य सुविधाएं सुनिश्चित किए किसी भी प्रकार का ग्रामसभा या स्थानीय ग्रामीणों से सहमति एवं जिला प्रशासन और स्थानीय जनप्रतिनिधियों द्वारा किसी प्रकार का त्रिपक्षीय वार्ता के अंधाधुंध वनों की कटाई करने का कार्य किया जा रहा है| कंपनी प्रबंधन द्वारा ग्रामीणों को किस प्रकार विस्थापित किया जाएगा कितना मुआवजा मिलेगा क्या रोजगार मिलेगा, इस पर कोई ठोस निर्णय लिए बगैर खनन कार्य शुरू करने का प्रयास किया गया| उन्होंने कहा कि भूमि अधिग्रहण अधिनियम 2013 लागू कर, वन अधिकार अधिनियम 2006 के तहत ग्रामीणों को वन अधिकार पट्टा देकर वन भूमि का मुआवजा रैयती के दर पर भुगतान करने, विस्थापन तथा पुनर्वास की नीति स्पष्ट कर स्थानीय ग्रामीणों को जॉब उपलब्ध कराकर रोजगार सुनिश्चित किया जाए|
जिस पर माननीय प्रभारी मंत्री श्री बादल पत्रलेख ने बताया कि उक्त कोल खनन परियोजना 2015 के पहले आवंटित किया गया था एवं वर्ष 2011 में एनवायरमेंट क्लीयरेंस प्राप्त हुआ था। अंबा प्रसाद ने इस पर कहा कि वर्ष 2004 में कंपनी को खनन कार्य हेतु आवंटित किया गया था परंतु उसे रद्द करते हुए फिर से 2015 में आवंटित किया गया इसलिए भूमि अधिग्रहण अधिनियम 2013 को लागू करना अति आवश्यक एवं न्याय संगत है| वहीं अंबा प्रसाद ने वन अधिकार अधिनियम 2006 लागू कर वन पट्टा देने का भी वकालत किया| अंबा प्रसाद ने कहा कि स्थानीय ग्रामीणों को भूमि अधिग्रहण अधिनियम 2013 लागू किए बगैर खनन कार्य करने का प्रयास किया जा रहा है जबकि 5 साल पूर्ण होने पर भी खनन कार्य शुरू नहीं करने पर भूमि स्थानीय ग्रामीणों को वापस लौटा दी जानी चाहिए। उन्होंने आगे कहा के कंपनी द्वारा फर्जी ग्राम सभा एवं बगैर वार्ता के जबरन काम करने का प्रयास किया जा रहा है तथा उन्होंने इसका विरोध करते हुए फर्जी ग्राम सभा की जांच करवाने की मांग की|
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