विवाह मंडप पर विधायक रामकुमार यादव जी ने किया दुल्हन के पुस्तक का विमोचन

रायगढ़ ब्यूरो पीयूष पटनायक की रिपोर्ट

जीवन में विवाह का अपना अनूठा महत्व होता है,भले हि वर्तमान में विवाह का स्वरुप,रीति रिवाज में दिन-ब-दिन बदलाव ह़ोता रहा है जिसे जनता ने अपने-अपने स्तरों में सहर्ष स्वीकारा है ।
परंतु जब किसी साहित्य प्रेमी के दांपत्य जीवनी परिणय बंधन का क्षण हो और इस पर नवीन प्रयोग साहित्य रथियों द्वारा किये जाएं तो निस्संदेह यह दर्शनीय और तालियों की गड़गड़ाहट के बीच स्वागतेय होता है ।
ठीक यही घटना सुदूर ग्रामीण अंचल में पुरातात्विक साक्ष्य व 11वीं सदी के प्राचीनतम इतिहास को स्वयं में समेटे ग्राम “किरारी” के साहित्य साधिका वेदकांति रात्रे की विवाहोत्सव में देखने को मिला,जिसे व्यापक स्तर में वाहवाही मिल रही है ।

*क्या है वेदिका??*
वेदिका न केवल एक किताब है यह न केवल वेदकांति रात्रे जी की साहित्यिक उपनाम है अपितु यह एक जीवन साधना है जिसे इस साहित्यकारा ने अपने मनोभावों को शब्द रूपी पुष्पों से अलंकृत किया है जिसमें मुक्तक क्षणिकाएं-गीत-ग़ज़ल व रस-छंद अलंकारों का भरपूर सानिध्य व समरस सम्मिलन देखने को मिलता है यह एक किताब के रूप में जब स्वयं साहित्यकारा के जीवन साथी की उपस्थिति में विवाह परिणयोत्सव की बेला में विमोचित हो तो न केवल उनके परिवार जनों के लिए अपितु समस्त समाज के लिए एक अद्भुत उदाहरण बनकर स्वयं अपने आप को परिभाषित करता है ।

*वेदिका को साहित्यकारों ने दिया अनुपम भेंट*
प्रत्येक साहित्यकार का सपना होता है कि उसकी रचनाएँ पुस्तक का रूप लेकर लोगों तक पहुंचे, इसी परिकल्पना को फलीभूत करने के लिए रायगढ़ के साहित्यकारों ने एक अनूठा पहल शुरु किया है,जिसके तहत ग्राम किरारी की सृजनकारा कवयित्री वेदकान्ति रात्रे को उनके शादी में सहगामी पति खगेश्वर भास्कर की उपस्थिति में उनकी रचनाओं को संकलित कर पुस्तक का रूप देकर विवाह मंडप पर ही पुस्तक के अंतिम स्वरुप को विमोचित कर सबको विस्मृत कर दिया।
विवाहोत्सव के इस पावनी बेला में मुख्य अतिथि के रूप में चन्द्रपुर विधायक आ.रामकुमार यादव जी,विशिष्ट अतिथि के रूप में नगर पंचायत अध्यक्ष प्रीतम अग्रवाल जी,विधायक प्रतिनिधि सुनील चंद्रा जी,साहित्यकार, मनमोहन सिंह ठाकुर,राजेश पांडेय वत्स,आशा मेहर ‘किरण’,अरविंद सोनी ‘सार्थक’, सुधा देवांगन ‘शुचि’ ,शरद यादव ‘अक्स’ जी,के कर कमलों से पुस्तक को विमोचित किया गया,इस दौरान जाने माने साहित्यकार,राकेश नारायण बंजारे,पुरुषोत्तम गुप्ता,तेजराम नायक,साखी गोपाल पण्डा,अजय पटनायक,गुलशन खम्हारी,सुखदेव राठिया,
प्रियंका गुप्ता,आरती मेहर,संतोष मिरी,दीपक महापात्रे,जयंत यादव,इंदु साहू,केशिका साहू, व प्रीति रात्रे ने वेदिका को दिव्यतम स्मृति चिह्न प्रदान इस यादगार पल को स्वर्णिम ऐतिहासिक बना दिया,अपनी असीम शुभकामना व आशीष से पीताम्बर देवांगन,सुशील मेहर,अंजलि नायक,गीता उपाध्याय,अरुणा साहू,
रुक्मिणी ठाकुर,जमुना चौहान,दुर्गा शंकर इज़ारदार,पुष्पा पटनायक,लीलाधर प्रजापति,हरेंद्र डनसेना,महेंद्र राठौर,
चंदनभान पटेल,हर्ष राज हर्ष,विनोद डनसेना जी,को सफल बनाने में अपनी सहभागिता निभाई,बेटी के साहित्यिक जीवन का सबसे बड़े व अकल्पनीय भेंट पर पिता झाड़ूराम रात्रे और चाचा लक्ष्मीनारायण रात्रे ने भावुकता भरे भीगे नयनों से सभी साहित्यकारों का आभार व्यक्त किया,इस पूरे कार्यक्रम को अंतिम परिणति तक पहुॅंचाने के लिए और सफल संचालन के लिए साहित्यकार अजय पटनायक ‘मयंक’,व गुलशन खम्हारी ‘प्रद्युम्न’ को सभी साहित्यकारों ने बधाई प्रेषित किया जो इस अनन्य सोच के प्रमुख सूत्रधार रहे।

व्हाट्सप्प आइकान को दबा कर इस खबर को शेयर जरूर करें

Please Share This News By Pressing Whatsapp Button



जवाब जरूर दे 

सरकार के नये यातायात नियमों से आप क्या है ? जवाब जरूर दे ,

View Results

Loading ... Loading ...


Related Articles

Close
Website Design By Bootalpha.com +91 82529 92275
.