आखिर किसके संरक्षण में मलांजखण्ड नगरपालिका में निचले कर्मचारियों से हो रहा भेदभाव

आखिर किसके संरक्षण में मलांजखण्ड नगरपालिका में निचले कर्मचारियों से हो रहा भेदभाव|
मलांजखण्ड नगरपालिका हमेशा से विवादों का पर्याय बनते जा रही है। प्रदेश के मुखिया चाहे कितने भी दावे करे पर नगरपालिका के अधिकारी कर्मचारी पलीता लगाने में पीछे नहीं रह रहे। भ्रष्ट इंजीनियरों के ऊपर लगाए गए आरोप में एक कहावत चरितार्थ हो रही है जोकि भ्रष्टाचार देश को दीमक कीतरह खोखला कर रहा है। वही प्रदेश के में मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान के य आदेश को भी आंख दिखा रहा है कि हम किसी भ्रष्टाचारी को छोड़ेंगे नहीं। जो कहीं सभी शिकायत आएगी उसे 10 फीट गड्डा में गाड़ देंगे। यहां नगर पालिका परिषद मलाजखंड में राजसी ठाठ बाट महाराजाओं की तरह पदस्थ सहायक यंत्री श्री मुकेश सोलंकी 36 वर्षो से पदस्थ हैं और अपने आप को शहंशाह और सर्वे सर्वा समझते हैं।

इनकी नियुक्ति तकनीकी पद पर होते हुए यह करोड़ों, अरबों रुपए कमाए बैठे हैं और इसी कारण जनप्रतिनिधियों एवं पार्षद गणों को अपने हाथों की कठपुतली समझते हैं। पूर्व में पदस्थ मुख्य नगरपालिका अधिकारी श्री लक्ष्मण सिंह सारस एवं नगरीय प्रशासन विकास संभागीय कार्यालय जबलपुर में पदस्थ अधीक्षण यंत्री श्री प्रदीप मिश्रा जोकि इन सभी का बॉस है और अपने कर्मचारियों को बंधक के रूप में काम करने उन्हें मजबूर किया जा रहा है।

आप को सर्वे सर्वा मानते हैं और अपने ऐसा आरोप नगर पालिका में पदस्थ सहायक राजस्व निरीक्षक श्री हीरादास महानंद द्वारा लगाया जा रहा है। जोकि क्षेत्र के बड़े नेताओं के लिए भी शर्म की बात है। गंभीर आरोप लगाते हुए श्री महानंद ने इंजीनियरों पर अपने पद का दुरुपयोग करते हुए आलीशान बंगला, चौकीदार, पानी, फी बिजली और
जिससे क्षेत्र के दैनिक वेतन भोगी मजदूर अपनी नारकीय जिंदगी जीने के लिए मजबूर है इसी उपयंत्री मुकेश पीड़ित सोलंकी अपने निजी वाहन में डीजल पेट्रोल नगर पालिका का ड्राइवर एवं इनके निजी भिलाई स्थित मकान पर नगर पालिका के कर्मचारी इनकी सेवा में लगे हुए हैं और जनता की मेहनत की कमाई का दुरुपयोग कर रहे हैं। इसके शिकायतकर्ता द्वारा इनके ऊपर जान माल को नुकसान पहुंचाए जाने की बात को लेकर भी डरे सहमे हुए हैं। जिससे समझा जा सकता है कि मलांजखण्ड नगरपालिका में सब ठीक नहीं चल रहा है। अभी कुछ माह पूर्व ऐसा ही एक जन आंदोलन और पार्षद गणों द्वारा पूर्व में पदस्थ भ्रष्ट मुख्य नगरपालिका अधिकारी के ऊपर हड़ताल प्रदर्शन किया गया था और अब यह बात नगरपालिका में पदस्थ कर्मचारी भी कह रहे हैं जो कि सत्य साबित हो रही है।

इसके अलावा उन्हें इन भ्रष्ट इंजीनियरो के गुंडे द्वारा दारु मुर्गा खिलाकर इनके और इनके परिवार वालों को हमला करके या बलवा करके या एसटीएससी एक्ट लगाकर तरह फसाने एवं कोई भी सड़क दुर्घटना एक्सीडेंट घटना कारित करके इनको जान का नुकसान पहुंचाया जा सकता है। ऐसा भी आरोप उक्त कर्मचारी द्वारा लगाया जा रहा है। जो कि गंभीर सवाल खड़े कर रहा है। इसके अलावा पीड़ित कर्मचारी ने भ्रष्ट इंजीनियरों के संपत्ति की जांच करा कर कार्यवाही किए जाने को लेकर शासन प्रशासन के आला अधिकारी राज्यपाल, मुख्यमंत्री से लेकर थाना प्रभारी तक शिकायत की है ।
अब देखना ये दिलचस्प होगा की शिकायत के बाद क्या करवाई की जाती है।

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