विधायक ममता देवी के मौन रहने पर धनंजय कुमार पुरुष ने उठाया सवाल

राज्य ब्यूरो झारखंड

जिले में विकास कार्य व डीएमएफटी के नाम पर अधिकारियों ने सत्ताधारी दल के लोगों की शह पर लूट मचा रखी है। यह बात पिछले दिनों सांसद जयंत सिन्हा की जागरूकता व कड़ा रुख अपनाए जाने से सामने आई है। सांसद के कड़े रुख से अधिकारियों की योजनाओं के नाम पर लूट की योजना विफल हो गई है। लोगों को अंधेरे में रखकर सैकड़ों की संख्या में योजनाओं को पारित करवाने का प्रयास अधिकारियों के लूट की मनसा को दर्शाता है। शुक्रवार को डीएमएफटी से 271 योजनाओं, जो लगभग 500 करोड़ की थी, उसे आनन-फानन में पास करवाने का प्रयास किया गया।

यहां आश्चर्यजनक बात यह है कि उस बैठक में विधायक ममता देवी व जीप अध्यक्ष समेत अन्य लोग शामिल थे। लेकिन इन लोगों द्वारा योजनाओं को पारित कराए जाने के विरोध में कुछ भी नहीं कहा जाना शंका को जन्म देता है।
7 करोड़ के पार्क का ठेका एक ठेकेदार को दे दिया गया है। जबकि वह योजना पारित ही नहीं है। इस ठेका कंपनी के संचालकों के द्वारा खुलेआम कहा जा रहा है कि उन्होंने जिले के एक आला अधिकारी को स्थानांतरित करा कर जिले में लाया है। ऐसे में सांसद द्वारा योजनाओं को रोका जाना स्वागत योग्य कदम है। साथ ही विधायक ममता देवी को भी इस संबंध में कहना चाहिए। जितनी योजनाएं पारित हो उसमें पारदर्शिता रखी जाए, तथा विस्तृत डीपीआर बनाकर पारदर्शी तरीके से काम किया जाए। साथ ही लूट में शामिल अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की जाए एवं उन्हें यहां से स्थानांतरित किया जाए।

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