छिंदवाड़ा यूनिवर्सिटी के पोर्टल पर बार-बार परीक्षा परिणाम परिवर्तित होने से छात्रों में आक्रोश ।

छिंदवाड़ा यूनिवर्सिटी द्वारा बार बार परीक्षा परिणाम पोर्टल पे बदले जाने से सुधन्वा सिंह नेताम महाविद्यालय मलांजखण्ड में बढ़ रहा छात्रों में रोस। छात्रों ने कॉलेज गेट कुछ समय के लिए बंद कर किया रोस प्रकट ।

छिंदवाड़ा यूनिवर्सिटी द्वारा बार बार परीक्षा परिणाम पोर्टल पे बदले जाने से सुधन्वा सिंह नेताम महाविद्यालय मलांजखण्ड में बढ़ रहा छात्रों में रोस । इसी संदर्भ में मध्यप्रदेश श्रमजीवी पत्रकार संघ के बिरसा तहसील अध्यक्ष संतोष बिसेन ने इस बारे में छात्रो से बात की I कमलेश राणे छात्र ने बताया कि छात्र अपने परीक्षा परिणाम को लेकर चिंतित के साथ ही आक्रोशित हैं।  कमलेश राणे ने विश्वविद्यालय से रिजल्ट में सुधार करने की मांग की और बताया की छिंदवाड़ा यूनिवर्सिटी के पोर्टल पर बार बार रिजल्ट का स्टेटस चेंज होने से और रिजल्ट में देरी,पोर्टल पर रिजल्ट उपलब्ध नहीं बताना इन सभी समस्यों के निराकरण के लिए मांग की हैं।। जिसमें परीक्षा देने के बाद भी कई छात्रों को अनुपस्थित दिखाया गया है। कई ऐसे छात्र हैं जिनके नम्बर अच्छे हैं लेकिन सीट में फेल बताया जा रहा हैं या पूरक बतायी जा रही हैं। कुछ छात्रों का रिजल्ट ही दिखाई नहीं दे रहा है। इस तरह के रिजल्ट मैं अनुत्तीर्ण बताना गलत है ।हमारी मांग है कि छिंदवाड़ा यूनिवर्सिटी में रिजल्ट जारी करने में कई तरह की खामियां व लापरवाही बरती गई हैं। जिसके चलते हमारी मांग हैं कि यूनिवर्सिटी हमारा रिजल्ट में सुधार कर । किसी का रिजल्ट शो नहीं हो रहा है तो किसी का रिजल्ट में अनुत्तीर्ण बता दिया गया है या फिर कईयों को अनुपस्थित दिखा दिया गया है। चूंकि छात्र-छात्राओं ने अच्छी पढ़ाई करते हुये परीक्षा दी है। रिजल्ट भी अच्छे आने को पूरी उम्मीद हैं।ऐसे में वह छात्र आगामी कक्षा में या अन्य स्थान पर पढ़ाई को लेकर प्रवेश नहीं ले पा रहा है। हमारी मांग हैं कि विश्वविद्यालय इस रिजल्ट में शीघ्र सुधार करें।रिजल्ट जारी करने में  बड़ी लापरवाही बरती गई हैं। ये खामियां बता रही हैं कि परीक्षा परिणाम जारी करने को लेकर छात्र-छात्राओं के भविष्य के साथ किस तरह से खिलवाड़ किया गया हैं। कालेज के इन छात्र-छात्राओं का कहना था कि परीक्षा परिणाम को लेकर कालेज प्रबंधन से उन्होंने चर्चा की और इस संबंध में आवश्यक कार्यवाही करने की मांग की हैं।छात्र ने बताया इन सब वजहों से उन्हें अपने भविष्य के साथ खिलवाड़ लग रहा हैं। हमारी मांग है कि विश्वविद्यालय शीघ्र ही उनके रिजल्ट में सुधार करें अन्यथ छात्र-छात्रायें आंदोलन करने के लिये बाध्य होगे। छात्र-छात्राओं का साफ कहना है कि ऐसे परीक्षा परिणाम का क्या औचित्य जिसे ना वह देख पा रहे और ना ही अपने अभिभावकों को बता पा रहे हैं? परीक्षा देने के बाद परीक्षा में शामिल नहीं होने का रिजल्ट उनके लिये बहुत ही चिंतनीय हैं। महाविद्यालय प्रबंधन को उनकी मांगों की ओर गंभीरता से ध्यान देने की जरूरत हैं। हालांकि इस तरह की स्थिति  जिले की अन्य कालेजों से भी जुड़ी हुई हैं। जिसके कारण नियमित रूप से पढ़ाई कर रहे इन कालेज विद्यार्थियों के सामने अपने भविष्य की चिंता है।

 

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