
पार्श्वनाथ महोत्सव ‘शरदोत्सव’ (त्रिदिवसीय) के दूसरे दिन हुआ अखिल भारतीय कवि सम्मेलन का आयोजन!
राज्य संवाददाता /दशरथ विश्वकर्मा
गिरिडीह :विश्व अहिंसा नगरी गिरिडीह की पावन धरा पर, नैसर्गीक प्रकृति की गोद में निर्वाण भूमि पर त्रिदिवसीय विशाल- पार्श्वनाथ महोत्सव 2022 का 14 जनवरी मकर सक्रांति के शुभ अवसर पर शुभारंभ किया गया था। ऑनलाइन अखिल भारतीय कवि सम्मेलन 14, 15 एवं 16 जनवरी, 2022 अंतर्राष्ट्रीय अहिंसा महोत्सव भगवान महावीर के कैवल्य भूमि और भगवान पार्श्वनाथ समेत 20 तीर्थण्करों की निर्वाण भूमि और विश्व अहिंसा नगरी गिरिडीह में ऑनलाइन आयोजन 15 जनवरी 2022 को दोपहर 1 बजे से 3 बजे तक किया गया।
कार्यक्रम की शुरुआत सरस्वती वन्दना के साथ की गयी। मुख्य अतिथि रमेश डागा समाज सेवी द्वारा कायर्क्रम का उद्घाटन किया गया। इस कार्यक्रम में देश के विभिन्न भागों से कवि/कवयित्रियों ने भाग लिया। जिसमें पार्श्वनाथ महोत्सव के संस्थापक श्री सुरेश भी थे। जिन्होंने “उगता है एक सूरज मेरा भी विहान से पहले” सुनाकर माहौल में उर्जा का संचार कर दिया। इस अवसर पर नंदलाल जी ने (“कांटो पर चलना सीखा ही नही…”), नेतलाल जी ने (बाघ की खाल ..) पर जोरदार तालियां बटोरे ।साथ ही अन्नू देवी, भीम जी,सुमन चाहत,सुनीता जी, मीना जैन जी, राजेश वर्मा जी,गीता जैन जी,मनजीत कौर जी,खुशबू वर्णवाल जी, श्रुति सिंह जी एव मीना जैन ने ख़ूबसूरत शमां बांधे रखा। मंच का संचालन कर रहे कवि बिशाल पंडित ने “ खुद को जिंदाबाद लिखना है….” सुनाकर सबको मन्त्रमुग्ध कर दिया।
मुख्य कार्यक्रम पदाधिकारी राजेश वर्मा जी ने खूबसूरत काव्य पाठ किया। गांवा प्रखंड अध्यक्ष तुलसी विश्वास ने प्रेम रस से भरपूर “ठुमक ठुमक कर गोरी नाची ……गीत गाकर सबको मंत्रमुग्ध कर दिया। कार्यक्रम में उपाध्यक्ष के रूप में श्री रणधीर वर्मा जी उपस्थित रहे।
विदित हो कि अहिंसा,शिक्षा और संस्कृति की त्रिवेणी कही जाने वाली पार्श्वनाथ महोत्सव(अंतर्राष्ट्रीय अहिंसा महोत्सव)को मधुबन महोत्सव भी कहा जाता है।
कार्यक्रम का संचालन कवि बिशाल पंडित जी ने किया। धन्यवाद ज्ञापन ट्रस्ट के उपाध्यक्ष श्री रणधीर वर्मा जी ने किया। सभी विद्वजनों ने कार्यक्रम की खूब प्रशंसा की।
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