
दो दिवसीय रांची लिटरेचर फेस्टिवल का हुआ भव्य समापन : प्रकृति, साहित्य और जीवन के विभिन्न रंगों को समेटे सम्पन्न हुआ
ब्यूरो रिपोर्ट झारखंड
राँची :बिरसा मुंडा की धरती पर अवस्थित झारखंड की राजधानी राँची व पूर्व भारत की समृद्ध इतिहास और साहित्य की थाती को संरक्षित रखने के लक्ष्य को चरितार्थ करते हुए पी.आई. यू. ट्रस्ट, गिरिडीह द्वारा आयोजित दो दिवसीय राँची साहित्य महोत्सव का भव्य समापन आज आर.के.डी.एफ विश्वविद्यालय, राँची के परिसर में भव्यता के साथ हुआ।
रांची लिटरेचर फेस्टिवल के इस महोत्सव में समापन दिवस पर हुसैनाबाद के पूर्व विधायक श्री शिव पूजन मेहता मुख्य अतिथि के रुप में रुप में शामिल हुए।
जिसने महिला सशक्तिकरण पर महोत्सव में जोर दिया और उन्होंने साहित्य को समाज का अमूल्य निधि बताया साथ ही इसे संरक्षित करने पर जोर दिया। इसके अलावा कुलपति डा. सुचितांशु चटर्जी, आर.के.डी.एफ. विश्वविधालय, वरिष्ठ सम्मानित साहित्यकार डा. महुआ माजी, कुलसचिव डा. अमित कुमार पांडेय, डीन अकैडमिक डॉ राजीव कुमार वरिष्ठ अतिथि के रुप् में व साहित्यकार अशोक प्रियदर्शिनी, वरिष्ठ पत्रकार सुनील बादल, जंग बहादुर पांडेय, कमल बोस अतिथिगण के रुप में शामिल हुए। विशिष्ट अतिथि के रुप में उपस्थित पी.आई. यू. ट्रस्ट, गिरिडीह के उपाध्यक्ष डा. रन्धीर कुमार ने कार्यक्रम की अध्यक्षता की. अतिथिगण का स्वागत डा. रन्धीर, डा. रजनी, मुन्मुन इत्यादि ने किया।
इस कार्यक्रम का संचालन रुणा रश्मि ‘दीप्त’, डा. रजनी शर्मा चंदा इत्यादि ने किया। सरस्वती वंदना डॉ. सुरिंदर कौर नीलम ने किया। महोत्सव संकल्पना संबोधन डा. रन्धीर कुमार व नृत्य प्रस्तुति खुशबू बरनवाल सीपी ने किया। आदिवासी जीवन और साहित्य और सशक्तिकरण पर महुआ माजी ने अपनी पुस्तक के माध्य्म से रखा। झारखंड रत्न विपुल नायक द्वारा नृत्य प्रस्तुति कर सबका मन मोह लिया।
आज काव्य पाठ के अंतर्गत चंद्रिका ठाकुर देशदीप व अन्य के संचालन में राकेश नाजुक, रंजना झा, सरोज झा झारखंडी, निवेदिता श्रीवास्तव, क्रांति श्रीवास्तव
डॉ रजनी शर्मा ‘चंदा’, विम्मी प्रसाद वीणा, बिंदु प्रसाद रिद्धिमा, सुजाता प्रिय समृद्धि, कविता रानी, रश्मि सिंह, शिप्रा शालिनी, अमिताभ प्रियदर्शी, स्नेहा राय, खुशबू बरनवाल,चंद्रिका ठाकुर, रुणा रश्मि दीप्त, गीता चौबे गूंज ,मुनमुन ढाली, अन्किता सिन्हा, विभा वर्मा, रंजना वर्मा उन्मुक्त, डॉ सुरिंदर कौर नीलम, रेणु बाला धार, कल्याणी झा, रेणु झा ‘रेणुका’, संगीता सहाय अनुभूति इत्यादि ने कविता पाठ कर राँची को गौरवान्वित किया!प्रथम दिन छत्तीसगढ़ से आए लोक कलाकार लक्ष्मी करियारे और साथियों ने छत्तीसगढ़ी लोक गीत प्रस्तुत कर सबका दिल मोह लिया था। ‘ग्लोबल साहित्य मंजरी’ सांझा काव्य संग्रह पुस्तक का लोकार्पण इस अवसर पर मुख्य अतिथि ने किया।
महोत्सव में पुष्पा सहाय, शिप्रा शालिनी ,रंगोली, गीता चौबे गूंज, रंजना वर्मा, रुणा रश्मि आदि ने बहुत सहयोग किया। धन्यवाद ज्ञापन पी. आई. यू. ट्रस्ट, गिरिडीह के उपाध्यक्ष डा. रन्धीर कुमार ने किया। पी. आई. यू. ट्रस्ट, गिरिडीह के अध्यक्ष शिक्षाविद दिनेश्वर वर्मा ने पुरी आयोजन दल की प्रशंसा करते हुए कहा है कि ऐसे आयोजन से ना केवल साहित्य का सृजन होता है बल्कि देश निर्माण भी होता है। राँची के सांसद श्री संजय सेठ जी जो कुछ आकस्मिक कारण से इस महोत्सव में पधार नहीं पाये उन्होंने इस महोत्सव के आयोजन हेतु संस्थापक को शुभकामनाएं प्रेषित की हैं।
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