चेंबर के साथ बैठक में सांसद जयंत सिन्हा ने किया बैठक

ब्यूरो रिपोर्ट रामगढ़

रामगढ़। राजधानी एक्सप्रेस के रूट परिवर्तन किये जाने और क्षेत्र में बिजली की अनियमितता को लेकर रामगढ़ चेंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज ने रविवार को चेबर भवन में बैठक बुलाई। जिससे हजारीबाग लोकसभा के भाजपा सांसद जयंत सिन्हा को मुख्य रूप से आमंत्रित किया गया। बैठक की अध्यक्षता चेंबर अध्यक्ष पंकज प्रसाद तिवारी कर रहे थे।

इस दौरान अध्यक्ष के आमंत्रण पर चेंबर के वरिष्ठ पदाधिकारी अपने संबोधन के जरिये राजधानी एक्सप्रेस का रूट परिवर्तन किये जाने और बिजली की बदहाल की शिकायत करने लगे। जनप्रतिनिधियों पर चेंबर द्वारा किये जा रहे आंदोलनों और क्षेत्र की जनता की अनदेखी का आरोप लगाते हुए अपने विचार रखे। बैठक को पूर्व अध्यक्ष प्रदीप सिंह, और अधिवक्ता आनंद अग्रवाल के बाद सरदार अनमोल सिंह ने अपनी बात जैसे ही खत्म की। शिकायतों से तिलमिलाएं सांसद जयंत सिन्हा ने अपना आपा खो दिया।अध्यक्ष पंकज प्रसाद तिवारी के हाथों से माईक छीन लिया। सांसद ने बेहद तल्ख लहजे में बार-बार एक ही शिकायत दोहराये जाने की बात कही। जिसके बाद चेंबर के कुछ लोग उनके व्यवहार से काफी नाराज हो गये। सांसद और चेंबर के लोगों के बीच बहसबाजी शुरू हो गयी। कुछ लोग बैठक छोड़ जाने लगे। काफी गहमागहमी के बाद चेंबर के पदाधिकारियों और उपस्थित अन्य लोगों ने मामला शांत कराया। जिसके बाद सभी लोग बैठ गये और सांसद ने समस्याओं पर अपनी बातों को रखा।

रेल के लिए कर रहें है पूरा प्रयास : जयंत सिन्हा

चेंबर की बैठक को संबोधित करते हुए सांसद जयंत सिन्हा ने कहा कि रेल की जिम्मेवारी मुझपर है। यह मैं मानता हूँ और इसके लिए लगातार प्रयास भी कर रहा हूँ। रूट परिवर्तन किसी प्रकार की कोई साजिश नहीं है। रेलवे का कोई भी निर्णय एक दिन में नहीं होता। बरकाकाना रूट पर राजधानी एक्सप्रेस के परिचालन से घाटा होता आ रहा है। जिसे रेलवे ने टोरी रूट पर चलाने का निर्णय लिया है। इससे 70 किलोमीटर तक फासला कम तय करना पड़ेगा। सांसद ने कहा कि फिर भी रेल मंत्री से कम से कम एक दिन बरकाकाना रूट पर राजधानी चलाने का आग्रह मैंने किया है। रेल मंत्री ने इसका अध्यन कर सही फैसला लेने की कही है। जयंत सिन्हा ने कहा कि रांंची-कोडरमा वाया हजारीबाग नयी रेल लाईन पर ट्रेन का परिचालन संभवतः मार्च में शुरू हो जाएगा। फासला कम होगा जिससे इस रूट भी राजधानी एक्सप्रेस के परिचालन का प्रयास जरूर किया जाएगा।

बिजली की समस्या के लिए एकमात्र मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन जिम्मेदार : जयंत सिन्हा

सांसद ने कहा कि बिजली अनियमितता की पहल केंद्र से नहीं कराई जा सकती। यह मामला राज्य के अधीन है। इसमें राज्य के मुख्यमंत्री को पहल करनी होगी। लेकिन वो कर नहीं हैं और लोगों की परेशानी पर ध्यान नहीं दे रहे हैं। राज्य सरकार पर डीवीसी का 2200 करोड़ का कर्ज है। जब राज्य सरकार नियमित भुगतान ही नहीं करेगी तो डीवीसी आगे चल कैसे पाएगी। सांसद ने यह भी कहा कि मैं क्षेत्र के लिए हर संभव प्रयास कर रहा हूँ। फिर भी आप सभी को लगता है कोई दूसरा जनप्रतिनिधि इससे बेहतर काम कर सकता है तो चुनाव में उसे ही वोट दें। क्षेत्र के विकास के लिए मैं भी अपना वोट उसे ही दे दूंगा।

बैठक में मनजी सिंह, आलोक कुमार, विनय कुमार सिंह, अनूप कुमार, माणिक जैन, सरोज कुमार सिंह, नंदलाल प्रसाद, अशोक कुमार सिंह, बलजीत सिंह बेदी सहित अन्य मौजूद थे।

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