रामगढ़: जिला के घाटो थाना क्षेत्र से आरंभ हुआ कोयले का अवैध खनन और कारोबार

जिला ब्यूरो रिपोर्ट

मांडू(रामगढ़)। झारखंड प्रदेश का रामगढ़ जिला कोयला के अवैध खनन और कारोबार के लिए पिछले दो वर्षों से चर्चा में आया हुआ है। घाटो थाना क्षेत्र के अंतर्गत लइयो और केदला कोलियरी क्षेत्र से कोयले का अवैध खनन और कारोबार आरंभ होने की खबर है। जानकारी के अनुसार अभी वर्तमान समय अवैध खनन कर निकाली गए कोयले को ईट भट्ठा में पहुंचाया जा रहा है। लेकिन कोयलांचल में जोरों की चर्चा है कि एक दो दिनों के भीतर ही बड़े पैमाने पर कोयले का अवैध कारोबार भी शुरू होने जा रहा है। इस क्षेत्र से कोयला का अवैध कारोबार कराने के लिए रामगढ़ का मनीष अग्रवाल और कुजू का रहने वाला मुस्तफा नामक व्यक्ति स्थानीय कोयला के अवैध कारोबारियों के साथ मिलकर अवैध कारोबार को पटरी में लाने के लिए लगा हुआ है। चर्चा यह भी है कि कोयला के अवैध कारोबारियों ने स्थानीय पुलिस, प्रशासन और सीसीएल के सुरक्षा विभाग को मैनेज कर लिया है। बड़े पैमाने पर क्षेत्र से निकाले जा रहे कोयले को फैक्ट्रियों में गिराने की चर्चा हो रही है। चर्चा है कि घाटो थाना क्षेत्र में बड़े पैमाने पर अवैध कोयला खनन कर निकाला गया है। जिन्हें अब हाईवा और ट्रकों द्वारा बाहर निकाला जाएगा। कोयला के अवैध खनन और कारोबार के लिए घाटो थाना क्षेत्र शुरू से ही अवैध कारोबारियों के लिए अच्छा क्षेत्र रहा है।

कोयला के अवैध खनन और कारोबार की लोकसभा में भी उठ चुकी है आवाज

लोकसभा के वर्तमान सत्र में हजारीबाग के सांसद जयंत सिन्हा ने कोयला के अवैध खनन और कारोबार की चर्चा जोरदार ढंग से की है। कोयला के अवैध खनन और कारोबार जोर शोर से चलने की खबरें रुक रुक कर मीडिया में भी आ रही है। जिसके बाद कोल इंडिया और भारत सरकार की एजेंसियों के कान खड़े हो गए हैं। लेकिन स्थानीय स्तर पर कोयला के अवैध खनन और कारोबार को जब तक रोकने की पहल नहीं होगी। तब तक अवैध कारोबार को रोकना काफी मुश्किल होगा। हालांकि वर्तमान समय स्थानीय पुलिस प्रशासन अवैध खनन और कारोबार को रोकने की दिशा में पहल करता नहीं दिख रहा है। कभी कभार दिखाने के लिए अवैध खदानों में डोजरिंग करा दी जाती है। कोला के अवैध खनन और कारोबार में सबसे बड़ी अहम भूमिका स्थानीय सीसीएल प्रबंधन की होती है। हालांकि सीसीएल के चरही एरिया के महाप्रबंधक कोयले की चोरी होने की बात मीडिया में कही है। लेकिन उन्होंने इसके लिए ठोस पहल नहीं किया है। ऐसा स्थानीय लोगों का मानना है। सीसीएल प्रबंधन को कोयले के अवैध खनन और कारोबार रोकने के लिए अपनी तंत्र को मजबूत करना होगा। कोयला के अवैध खनन और कारोबार में लिप्त अधिकारियों एवं कर्मचारियों पर कार्रवाई करनी होगी। ऐसा करने से ही कोयला का अवैध खनन और कारोबार पर थोड़ा अंकुश लग सकता है।

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