
मध्य-पश्चिमी बंगाल की खाड़ी में बना निम्न दबाव का क्षेत्र शनिवार 3 दिसंबर को एक चक्रवात का रूप धारण कर चुका है। इस चक्रवात का नामकरण सऊदी अरब द्वारा ‘जवाद’ किया गया है
राज्य ब्यूरो रिपोर्ट
रामगढ़: *कृषि विज्ञान केंद्र, रामगढ़ के मौसम विभाग से जानकारी मिली है कि जवाद का असर रामगढ़ (मध्य झारखण्ड) के क्षेत्र में सीमित रहेगा इसके प्रभाव के कारण शनिवार तथा रविवार को आसमान में बादल देखने को मिलेंगे तथा 5 दिसंबर, रविवार को अधिकतर जगहों पर हल्के से मध्यम दर्जे की वर्षा तथा रामगढ़ के पूर्वी भागों, गोला, चितरपुर, दलमी में भारी वर्षा भी देखने को मिल सकती है।*
*कृषि विज्ञान केंद्र, रामगढ़ के प्रभारी डॉ॰ दुष्यंत कु॰ राघव ने किसानों को सुझाव दिया कि वे अपने कटे फसल को जो खेतों में पड़े हुए हैं जल्द से जल्द किसी सुरक्षित स्थान में बारिश तथा नमी से बचा के रखें और जिनके खेतों में अभी भी धान की फसल खड़ी है वो कटाई का काम कुछ दिनों के लिए टाल के रखें | इसके साथ खेतों में जल निकासी के लिए मेढ़ों को काट कर नालियाँ बनाएँ तथा पटवन और कीटनाशक, दवाइयाँ देने का काम स्थगित रखें।*
*सोमवार 6 दिसंबर के बाद मौसम साफ़ होने के पश्चात् किसान बचे हुए धान की फसल की कटाई के तुरंत बाद खेतों की जुताई कर दें। चावल के भण्डारण के लिए बीज की नमी 10 से 12 प्रतिशत से अधिक न रखें| भंडार घर को कीटाणु रहित करने के लिए नुवान (डाईक्लोरवास 76%EC) का छिडकाव 2 मि०ली०/ली० पानी में मिलाकर करें|*
*जैसे जैसे आसमान साफ़ होगा तापमान में तीन से चार डिग्री की गिरावट होने का अनुमान है, इसी के अनुसार किसान उन खेतों के लिए जहाँ आलू की बुआई 20 से 30 दिन पहले हुई है, फसल अवशेष से मल्चिंग का प्रबंध करें| अभी के मौसम में फसलों, सब्ज़ियों में लाही कीट के प्रकोप के लिए प्रारंभिक अवस्था में नीम निर्मित कीटनाशी (नीमार्क, नीमेरिन, निम्बीसिडिन) का प्रयोग करें| जिन किसानों के पास 4 से 5 सिंचाई की व्यवस्था है वो गेहूँ (असिंचित), आलू या हरा मटर की खेती क़र सकते हैं, और दो से तीन सिंचाई होने पर चना, मसूर, तीसी, सरसों आदि की खेती करें|*
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