
क़ृषि कानून रद्द करने एवं एमएसपी गारंटी का कानून बनाने तक आन्दोलन जारी रहेगा: महेंद्र पाठक
ब्यूरो रिपोर्ट राँची
रांची।भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी झारखंड राज्य के राज्य सचिव भुवनेश्वर प्रसाद मेहता अखिल भारतीय किसान सभा झारखंड के महासचिव महेंद्र पाठक ने प्रेस बयान जारी कर कहा की प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा तीनों कृषि कानून रद्द करने की घोषणा , किसान आन्दोलन के एतिहासिक एक साल तथा 700 किसानों की शहादत की जीत है। कृषि कानून रद्द करने एवं किसानों के फसलों का एम,एस,पी,का कानून बनाने तक आन्दोलन जारी रहेगा।26 नवंबर 2021 को किसान आन्दोलन के एक साल पूरे होने के अवसर पर देशव्यापी राज्यों की राजधानियों में किसान मार्च व रैली होगी।
किसान आन्दोलन के करीब 700 किसान शहीदों को श्रद्धांजलि दी जाएगी।लखिमपुर खीरी की किसान हत्याकांड के लिए केन्द्र सरकार जिम्मेवार है। दोनों नेताओं ने कहा प्रधानमंत्री के किसान विरोधी तीनों काला कानून के वापस लेने का लाल झंडा स्वागत करता है और भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी मांग करती है कि किसान आंदोलन मैं किसानों पर किए गए मुकदमे को वापस लिया जाए शहीद किसानों के आश्रितों को एक करोड रुपए मुआवजा दिया जाए न्यूनतम समर्थन मूल्य की गारंटी के लिए कानून बनाया जाए एवं बिजली बिल 2020 वापस लिया जाए।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के 2014 के भूमि-अधिग्रहण अध्यादेश को देशव्यापी किसान आन्दोलन के दबाव में मोदी सरकार को वापस लेना पड़ा था। भारत के अन्नदाता किसानों का एतिहासिक किसान आन्दोलन पूरे विश्व के किसान आन्दोलन को उर्जा देगा।जब भी किसान लड़ा है,जीता है। मोदी सरकार का किसान आन्दोलन को बदनाम करने,कूचलने, बौडर में कील ठोकने, पानी बिजली काटने , किसान नेताओं को झूठे मुकदमों में फंसाने का नापाक साजिश काम में नहीं आया।
बल्कि किसान आन्दोलन के दौरान हुए विधानसभा चुनावों एवं उपचुनावों में भाजपा को करारी हार का सामना करना पड़ा।5 राज्यों के आगामी विधानसभा चुनावों में किसान आन्दोलन के चलने भाजपा की हार की आहट के कारण बना कृषि कानून रद्द करने की घोषणा। किसान जीतेगा तो ,देश जीतेगा, किसान आन्दोलन के शहीदों का ख़ून बेकार नहीं जाएगा।
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