तीन साल बीतने पर भी नहीं सुधरे चौक चौराहों में लगे सीसीटीवी कैमरे

अमनप्रीत सिंह भाटिया चांपा रिपोर्टर / छत्तीसगढ़

जांजगीर चाम्पा जिले में यातायात व्यवस्था को दुरूस्त करने पुलिस विभाग बेपरवाह नजर आ रहा है।शहरों की निगरानी व सुरक्षा के लिए चार साल पहले जिले के सभी शहरों के चौक चौराहों में मिशन सेफ सिटी के तहत हाई रेज्युलेशन सीसीटीवी कैमरे लगाए गए थे। इसी के तहत जिला मुख्यालय जांजगीर के कचहरी चौक और नेताजी चौक में भी कैमरा लगाए गए थे जो जिले के प्रशासनिक व्यवस्था की भेंट चढ़ चुका है। तीन साल पहले जून 2018 में तत्कालीन सीएम डा रमन सिंह की विकास यात्रा जब नगर पहुंची थी तब सारे सीसीटीवी कैमरे के तार काट दिए गए और उसे दोबारा नहीं जोड़ा गया।
शहरों की सुरक्षा को लेकर मिशन सेफ सिटी के तहत महानगरों की तर्ज पर तीन साल पहले शहर के चौक-चौराहों में हाई रेज्युलेशन सीसीटीवी कैमरे लगाए गए थे। जिला मुख्यालय जांजगीर के कचहरी चौक , नेताजी चौक और रेल्वे स्टेशन में हाई रेज्युलेशन के सीसीटीवी कैमरे लगाए गए और कंट्रोल रूम में उसका मानिटर लगाया ताकि 24 घंटे नजर रखी जा सके। तीन साल पहले जून 2018 में तत्कालीन सीएम डा रमन सिंह की विकास यात्रा जब नगर पहुंची थी तब सारे सीसीटीवी कैमरे के तार काट दिए गए और उसे दोबारा नहीं जोड़ा गया।

जिले में यातायात व्यवस्था को दुरूस्त करने पुलिस विभाग बेपरवाह नजर आ रहा है। जिला मुख्यालय जांजगीर के चौक चौराहो में लगे बंद सीसी कैमरे और खराब सिग्नल व्यवस्था को मुंह चिढ़ा रहे हैं। इन हालातों के बीच शहर की ट्रैफिक व्यवस्था दिन-ब-दिन बद्तर होती जा रही है। इसे सुधारने के लिए ध्यान नहीं दिया जा रहा है। पुलिस मेंटेनेंस के लिए फंड नहीं होने का हवाला दे रही है। स्थानीय प्रशासन मेंटेनेंस के लिए मुंह ताक रहा है। गौरतलब है कि यातायात व्यवस्था को दुरूस्त करने और आपराधिक गतिविधियों पर लगाम लगाने के लिए के लिए सीसीटीवी कैमरे की मरम्मत कराना जरूरी है। बावजूद इसके इस ओर विभाग द्वारा ध्यान नहीं दिया जा रहा है।

पहचान नहीं होने के कारण आरोपितों तक नहीं पहुंच पाती है पुलिस
जिला मुख्यालय जांजगीर और चांपा शहर में रेल सुविधा होने के कारण इन शहरों में चोरी, डकैती जैसी घटनाओं को अंजाम देकर आरोपी रात में ही फरार हो जाते हैं। जब तक मकान मालिक को पता चले और पुलिस अपनी जांच शुरू करती है, तब तक आरोपी जिले से बहुत दूर निकल गए होते हैं। किसी प्रकार की कोई पहचान नहीं होने के कारण पुलिस आरोपियों तक पहुंच नहीं पाती है। इसलिए जांजगीर में नेताजी चौक, कचहरी चौक तथा चांपा के बैरियर चौक और रेस्ट हाउस के पास कैमरा लगाया गया था।

कैमरे चालू होने पर यह होगा फायदा

किसी प्रकार का अपराध घटित होने के बाद अपराधियों की तलाश में पुलिस को मशक्कत करनी पड़ती है, ब्लाइंड केसेज में पुलिस को सफलता नहीं मिल पाती। कैमरे लगने से घटना समय से लेकर उसके पहले और बाद शहर में आने व बाहर जाने वाले लोगों के यदि पैदल हैं तो चेहरे और वाहनों में होने पर उसके वाहनों के नंबर तक ट्रेस होगा। इससे आरोपियों को आसानी से पकड़ा जा सकेगा। सड़क हादसे के बाद भागने वाले वाहन भी पकड़े जा सकेंगे। लेकिन सीसीटीवी खराब होने के कारण पुलिस को ही अभी आरोपियों की धरपकड़ में परेशानियों का सामना करना पड़ता है।

डीएसपी यातायात जांजगीर संदीप मित्तल कहतें है कि -समय – समय पर सिग्नल की दिक्कतें आती रहती है। अत्यधिक खराब होने पर संबंधित एजेंसी से संपर्क कर सुधार कार्य कराया जाता है। सीसीटीवी कैमरों को मेंटेनेंस की जरूरत है। मेंटेनेंस के लिए हमारे पास किसी तरह का फंड नहीं रहता है। प्रस्ताव बनाकर पीएचक्यू भेजा गया है।

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