
पटाखा में आग लगने के कारण एक गर्भवती महिला की हुई थी मौत!
राज्य ब्यूरो रिपोर्ट झारखंड / उमेश सिन्हा
रामगढ़ शहर के बीचो बीच पटाखा की दुकान है ,दर्जनों की संख्या में है, जो भीड़भाड़ वाले इलाकों में है ।जबकि एक्सप्लोसिव अधिनियम रिहायशी इलाकों में पटाखा नहीं बेचने का देता है आदेश ।लेकिन उस आदेश को भी ठेंगा दिखाते हुए वीआईपी इलाकों में गोला रोड चट्टी बाजार एवं लोहार टोला में पटाखा की दुकान चलाई जा रही है। इसके लिए नियम कानून बनते हैं और जिला प्रशासन की जिम्मेदारी होती है रिहायशी इलाकों से चल रहे पटाखा की दुकानों को एवं गोदामों को हटाना। लेकिन प्रशासनिक स्तर पर इस बात को जानते हुए भी अनदेखा कर दिया जाता है ।हालांकि जिला प्रशासन दीपावली के अवसर पर चिन्हित स्थानों पर पटाखा की दुकान लगाने का आदेश देती है जो शहर से बाहर की सिद्धू कानू मैदान में चिन्हित किया जाता है। प्रत्येक वर्ष सिद्धू कानू मैदान में पटाखा की दुकान लगाने का आदेश प्रशासनिक स्तर पर दिए जाते हैं, लेकिन उसको भी ठेंगा दिखाते हुए मिलीभगत से पटाखा दुकानदार अवैध ढंग से रिहायशी इलाकों में पटाखा की दुकानें खोलकर पटाखा को बेच रहे हैं। रामगढ़ जिला में कहा जाता है कि थोक भाव में पटाखा बिहार उड़ीसा एवं उत्तर प्रदेश भी भेजा जाता है। उस समय के तत्कालीन उपायुक्त ए दोड्डेय एवं अनुमंडल पदाधिकारी किरण पासी के नेतृत्व में जोरदार ढंग से छापामारी की गई थी और छापामारी में रिहायशी इलाकों में लगे गोदामों में से क्षमता से ज्यादा पटाख प्राप्तहुई थी। जानकारी के अनुसार दोड़यर ने कुछ दुकानदारों की लाइसेंस को रद्द कर दिए थे। उस समय के तत्कालीन उपायुक्त गणेश प्रसाद एवं अनु आरक्षी अधीक्षक हेमंत टोप्पो एवं आरक्षी निरीक्षक विजय कुमार के समय में रिहायशी इलाकों में पटाखा दुकानों में एवं गोदामों में आग लगने के कारण आंध्र प्रदेश की एक गर्भवती महिला की मौत आग में झुलसने से हुई थी। उस पर कार्रवाई करने की बातें भी चली लेकिन उस फाइल को दबा दिया गया था। दबे जुबान से बुद्धिजीवी समाजसेवी सभी चर्चा करते हैं कि रिहायशी इलाकों में पटाखा की दुकानें नहीं रहनी चाहिए प्रशासनिक स्तर पर कार्रवाई अवश्य होनी चाहिए, लेकिन खानापूर्ति के रूप में कार्रवाई की जाती है। भविष्य में अगर किसी तरह की अप्रिय घटना घटी तो कौन जिम्मेदार होगा यह प्रश्न चिन्ह रामगढ़ शहर के लिए खड़ा हो गया है ।कहा जाता है कि पूरा रामगढ़ शहर बारूद के ढेर पर बैठा हुआ है जबकि विस्फोटक अधिनियम पटाखा एवं गोदाम रखने की इजाजत शहर से दूर इलाकों में रखने का देती है लेकिन सही ढंग से छापामारी हुई तो दर्जनों गोदाम पाए जाएंगे जो रिहायशी इलाकों में है। बातचीत में अनुमंडल पदाधिकारी मोहम्मद जावेद हुसैन ने बताया कि सभी दंडाधिकारी यों को स्थिति पर नजर रखने को कहा गया है कहीं से भी किसी भी तरह की अप्रिय घटना नहीं घटी चाहिए प्रशासन ने तीन स्थानों पर चिन्हित कर पटाखा बेचने का आदेश दिया उसी स्थानों पर दुकानदारों को पटाखा बेचने का आदेश है। प्रत्येक वर्ष दीपावली के अवसर पर ताबड़तोड़ छापामारी की जाती थी लेकिन इस बार दीपावली निकट आ रहा है लेकिन छापामारी कहीं नजर नहीं आता। उपायुक्त एवं अनुमंडल पदाधिकारी को कार्रवाई करनी चाहिए
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