
कोयला प्रभावितों को दिया जाय पुनर्वास और रोजगार
जिला ब्यूरो रिपोर्ट रायगढ़ / पीयूष पटनायक
रायगढ़ जिले का घरघोड़ा तहसील भी कोयले की चपेट में आकर तड़प रहा है। यहां के लोग वर्षों से विस्थापन का दंश झेल रहे हैं।अब सड़क पर आ गये हैं। सरकार के ऊपर गुस्सा उतार रहे हैं।ज्ञात हो कि बरौद गांव क्षेत्र एस ई सी एल कंपनी से अति दुःखी हैं। प्रभावित ग्रामीणों ने संघर्ष के लिये एकजुट हो मोर्चा खोल दिया है। उनकी मांग हैं कि उन्हें पुनर्वास और रोजगार दिया जाय। अपनी मांग के समर्थन में आज दिनांक चौबीस सितंबर दो हजार इक्कीस को एक विशाल रैली निकाली गयी।
रैली शहर भर में शोर मचाते हुये जिला कलेक्टर कार्यालय के सामने पहुंच कर सभा बन गयी। लोगों ने अपने संबोधनों में पुनर्वास और स्थायी रोजगार दिलाने की गुहार लगायी गयी। भड़ास निकालने के साथ ही सरकार के ऊपर गुस्सा जाहिर किया गया। समवेत स्वर में आवाज़ बुलंद की गयी है कि एसईसीएल द्वारा दिए गए आश्वासनों के आधार पर सरकार पुनर्वास नीति के तहत प्रत्येक परिवार को पुनर्वास दिलवाये । और जिन किसानों की भूमि एसईसीएल कंपनी से प्रभावित हुयी है उन प्रत्येक परिवार के लोगों को स्थायी रोजगार दिया जाय।
ग्रामीणों ने कहा कि एस ई सी एल कंपनी ने जन सुनवाई के समय बहुत सारे वचन दिया थे, उनके वचन दिखाने के दांत साबित होकर रह गये हैं। कंपनी के द्वारा घोषणा की गयी थी कि पुनर्वास के तहत मकान और प्रभावित परिवार वालों को नौकरी दी जायेगी। खदान खुले बरसों बीत गये, नौकरी या अन्य कोई रोजगार नहीं प्राप्त हुआ है। अनेकों खेप इंटरव्यू लेने के बाद भी आज आना कल आना में वहां के लोग केवल चक्कर खा रहे हैं।
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