
हिन्दी दिवस’ पर पार्श्वनाथ महोत्सव के तहत हुआ भव्य कवि सम्मेलन आयोजन!
राज्य ब्यूरो रिपोर्ट झारखंड /उमेश सिन्हा
भगवान महावीर के कैवल्य भूमि और भगवान पार्श्वनाथ समेत 20 तीर्थण्करो की निर्वाण भूमि और विश्व अहिंसा नगरी गिरिडीह के ‘साईन्स वर्ल्ड’ कोचिंग में हिन्दी दिवस का आयोजन 14 सिंतबर 2021 को संध्या 05:00 बजे से 8 बजे तक किया गया।
कार्यक्रम की शुरुआत दीप प्रज्वलन और सरस्वती वन्दना के साथ की गयी। विश्व में हिन्दी के विस्तार पर प्रकाश डाला गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता उदय शंकर उपाध्याय ने की। मुख्य अतिथि के रूप में डा. ममता बनर्जी ‘मंजरी’ थी। इस कार्यक्रम में जिले के विभिन्न भागों से कवि/कवयित्रियों ने भाग लिया। जिसमें पार्श्वनाथ महोत्सव के संस्थापक श्री सुरेश भी पधारे थे। जिन्होंने “सुन सिंधु का करुण क्रन्दन” सुनाकर माहौल में उर्जा का संचार कर दिया। इस अवसर पर डा. ममता बनर्जी(“हिन्दी झर झर झर तु…उथल पुथल कर सागर भर तु”), लवलेश(“हाय मजदुर हकीय”) शायर हलीम असद (हिन्दी है मेरा मैं खुसरो का चमन हूँ),मोइन शमसी (मिठी मिठी बोली बोल यानि उर्दु हिन्दी बोल), प्रभाकर (एक मुठी रेत चाहिए), परवेज शीतल(“याद रहे जानवरो में…), उदय शंकर उपाध्याय( कोरोना पर कविता, खोरठा लोकगीत) सुनाकर सबको मन्त्रमुग्ध कर दिया। इन कवियों को ‘भारतेन्दू श्री’ सम्मान से सम्मानित किया गया। गिरिडीह के में शिक्षा और साहित्य का अलख जगाने के लिए डा. ममता बनर्जी ‘मंजरी’ को ‘द्रोणाचार्य श्री’ सम्मान से सम्मानित किया गया। भगवान पार्श्वनाथ पर भी उन्होंने एक लम्बी कविता का एक अंश सुनाकर सबको प्रभावित किया।
रविन्द्र विद्यार्थी के अलावा अन्य स्कुल के प्राचार्य, शिक्षक, विद्यार्थियों ने हिस्सा लिया। जिसमें मिथलेश कुमार देव ,अभिजीत कुमार,सन्दीप कुमार वर्मा, विक्रम कुमार राय ,नितेश इत्यादि शामिल थे।
विदित हो कि अहिंसा,शिक्षा और संस्कृति की त्रिवेणी कही जाने वाली पार्श्वनाथ महोत्सव(अंतर्राष्ट्रीय अहिंसा महोत्सव)को मधुबन महोत्सव भी कहा जाता है।
कार्यक्रम का संचालन कवि विशाल पंडित और लवलेश वर्मा ने किया। धन्यवाद ज्ञापन उदय शंकर उपाध्याय ने किया। सभी विद्वजनों ने कार्यक्रम की खूब प्रशंसा की है।
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