
अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति झारखंड का कार्यक्रम आयोजित
राज्य ब्यूरो रिपोर्ट झारखंड / उमेश सिन्हा
रांंची । शहर के चर्च रोड में स्थित एसडीसी सभागार में आज अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति की ओर से किसान संघ अनशन का आयोजन किया गया।सभा की अध्यक्षता अखिल भारतीय किसान सभा के कार्यकारी अध्यक्ष कामरेड केबीसी किसान संग्राम समिति के अध्यक्ष राजेंद्र गोप , अखिल भारतीय किसान सभा के सचिव सुरजीत सिन्हा, अखिल भारतीय किसान महासभा के प्रदेश सचिव पूरन महतो ने किया, संचालन राजेंद्र गोप के द्वारा किया गया।आधार पत्र अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति के संयोजक सह अखिल भारतीय किसान सभा के महासचिव महेंद्र पाठक के द्वारा पेश किया गया। शहीद साथियों के श्रद्धांजलि 1 मिनट मौन रखकर उनके आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना की गई।किसान कन्वेंशन में लोगों को संबोधित करते हुए अखिल भारतीय किसान महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजाराम सिंह ने कहा कि, केंद्र की मोदी सरकार किसान विरोधी कानून को लाकर देश के किसानों को लुटाना चाहती है। 70% लोग कृषि क्षेत्र पर निर्भर करते हैं। तीनों किसान विरोधी काला कानून से देश के 125 करोड़ जनता प्रभावित होंगे। तीनों काले दूसरे के पूरक है। झारखंड के सरकार झारखंड विधानसभा के विशेष सत्र बुलाकर किसान विरोधी कानून को निरस्त करें, और न्यूनतम समर्थन मूल्य की गारंटी के लिए कानून बनाएं।अन्यथा किसान संघर्ष समिति जन आंदोलन तेज करेगी। कन्वेंशन को पूर्व सांसद भुवनेश्वर प्रसाद मेहता ने संबोधित करते हुए कहा कि जल जंगल जमीन की लड़ाई बरसों पुरानी है।उनकी हिफाजत के लिए हमें जन आंदोलन को तेज करना होगा।केंद्र सरकार ने जितेने समझौता किया है।अगर वह सारे जमीन पर उतर जाए तो राज्य के अंदर एक करोड़ लोग विस्थापित होंगे। राज्य सरकार के पास भी विस्थापन की कोई नीति नहीं है।इसीलिए घर में जरूरत जमीन जो बरसों से जोत कोड कर आबाद कर रखे हुए हैं।उन जमीन को भुमि बैंक में पूर्व की सरकार डाल दी।लेकिन वर्तमान सरकार भी उस पर संज्ञान नहीं ले रही है। पूर्व की सरकार की तरह ही यह सरकार कारपोरेट घराने की कठपुतली बनकर काम कर रही है।इसलिए जल जंगल जमीन की हिफाजत के लिए विस्थापन और पुनर्वास के लिए जन आंदोलन को तेज करना होगा। अखिल भारतीय किसान सभा के केंद्रीय कमेटी के सदस्य कृष्णा प्रसाद ने कहा कि केंद्र की सरकार किसान मजदूर विरोधी कार्य कर रही है।दिल्ली में जो आंदोलन चल रहे हैं। उसी तरह से झारखंड में आंदोलन चलाने की जरूरत है।क्योंकि यहां खनिज संपदा वसुंधरा पूरा है।खनिज संपदा ओं की लूट के लिए केंद्र सरकार बेताब है।इसीलिए किसान मजदूरों की एकता के बल पर जन आंदोलन को मजबूत करने पर बल दिया।यूनाइटेड कॉल वर्कर्स यूनियन के महासचिव लखन लाल महतो ने संबोधित करते हुए कहा कि केंद्र की मोदी सरकार चार लेबर कोड लाकर देश के किसानों को सबक सिखाने के काम किया है तो उसी तरह किसानों के प्रति भी 3 किसान विरोधी कानून लाकर अपनी किसान मजदूर विरोधी चेहरा का उजागर किया है। देश के अंदर किसान मजदूरों की एकता के बल पर आने वाले दिन में मोदी सरकार को उखाड़ फेंकने के लिए एकजुट होने की जरूरत है।उन्होंने 27 मई को भारत बंद को सफल बनाने के लिए किसान मजदूर एकता को मजबूत करने पर बल दिया। कन्वेंशन में सीटू के प्रदेश अध्यक्ष मिथिलेश सिँह, शुभेंदु सेन, राजेश यादव ,सुरेंद्र महतो, केडी सिँह, सुफल महतो, राजकुमार यादव, सुरजीत सिन्हा ,वासबी किडो दयामणि बरला, पीके पांडे ,सूरजपत सिंह, भुवनेश्वर केवट , प्रफुल्ल लिंडा, अजय कुमार सिंह, सुनील चक्रवर्ती, राजेंद्र यादव , गणेश महतो, महादेव राम, प्रकाश रजक ,रुचिर तिवारी, विष्णु कुमार ,मनोज महतो ,विंध्याचल के बेदिया, राजकुमार कुमार सहित कई लोग मौजूद थे।
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