रामगढ़ प्रखंड भवन जर्जर स्थिति में अधिकारियों एवं कर्मियों पर कभी भी बढ़ सकता है खतरा!

राज्य ब्यूरो रिपोर्ट झारखंड / उमेश सिन्हा

रामगढ़ प्रखंड भवन 60 वर्ष पुरानी है और जर्जर स्थिति में है, जहां पर अधिकारी एवं कर्मी बैठकर कार्य करते हैं, वहां छत
अपना सीमेंट बालू छोड़ दिया है और जगह-जगह जर्जर स्थिति में दीवाल में दरार पड़ गया है ।बारिश के मौसम में तो कमरा चूता भी है जिसके कारण कार्य कर रहे कर्मियों को बहुत सी परेशानियों का सामना करना पड़ता है ।महत्वपूर्ण फाइलों को रखने के लिए अलमीरा भी रखने का जगह नजर नहीं आता है। इस संबंध में रामगढ़ विधायक ममता देवी भी प्रखंड भवन का निरीक्षण कर चुकी हैं और उन्होंने अपने बयान में भी भवन के जर्जर स्थिति के संबंध में चिंता व्यक्त की थी। आलम यह है कि रामगढ़ के अंतर्गत छः प्रखंड आते हैं जिसमे गोला, चितरपुर, मांडू एवं पतरातू प्रखंड को अपना भवन मिल चुका है ,लेकिन रामगढ़ प्रखंड जो पुराना है और प्रथम प्रखंड विकास पदाधिकारी 1960 में रामगढ़ में बैठे थे बहुत पुरानी भवन है, इस पर जिला प्रशासन को ध्यान देने की आवश्यकता है। इसके पूर्व प्रखंड विकास पदाधिकारी ने भवन की जर्जर स्थिति के संबंध में भवन अभियंता को भी अवगत कराएं और जिला प्रशासन को भी अवगत कराया गया। लेकिन इसके बावजूद भी अभी तक भवन बनने की दिशा में कोई ठोस पहल नहीं की गई है। अगर इसी तरह इस भवन को नजरअंदाज किया गया तो यहां कार्य कर रहे दो अधिकारी अंचल अधिकारी एवं प्रखंड विकास पदाधिकारी और उसके अधीनस्थ अधिकारियों एवं कर्मियों के बीच खतरा का बादल मंडराता नजर आ रहा है। किसी भी समय भवन गिर सकता ऐसी स्थिति में अधिकारियों एवं कर्मियों की परेशानी बढ़ सकती है, खतरा आएगा उसके लिए कौन जिम्मेदार होगा। इस पर पहल करने की आवश्यकता है और जिला प्रशासन को भी और राज्य सरकार को भी ध्यान देना चाहिए। प्रखंड के सुदूर क्षेत्रों से प्रत्येक दिन आवेदन लेकर जनता आती है,खतरा बढ़ सकता है।

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