
रामगढ़ में होगा ऐतिहासिक सम्मेलन 18 अगस्त कांग्रेस प्रवक्ता मुकेश यादव
राज्य ब्यूरो रिपोर्ट झारखंड / राँची
झारखंड प्रदेश कांग्रेस कमेटी की ओर से बांग्लादेश मुक्ति युद्ध 1971 की 50वीं वर्षगांठ मनाने और उसके ऐतिहासिक महत्व तथा पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की शानदार एवं अनुकरणीय नेतृत्व को याद करने के लिए कल 18अगस्त को रामगढ़ में सम्मेलन आयोजित करने का निर्णय लिया गया है। इसकी तैयारी को लेकर प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष सह राज्य के वित्त तथा खाद्य आपूर्ति मंत्री डॉ0 रामेश्वर उरांव के निर्देश पर आज प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता आलोक कुमार दूबे व लाल किशोर शाहदेव ने रामगढ़ पहुंच कर तैयारियों का जायजा लिया एवं कार्यक्रम की सफलता को लेकर आवश्यक विचार विमर्श किया।
प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता आलोक कुमार दूबे,लाल किशोर नाथ शाहदेव,रामगढ़ जिला कांग्रेस अध्यक्ष मुन्ना पासवान, वरीष्ठ कांग्रेस नेता शांतनु मिश्रा एवं जिला कांग्रेस प्रवक्ता सह कार्यक्रम समन्वयक मुकेश यादव ने संवाददाताओं से बातचीत करते हुए कहा सम्मेलन का उद्धघाटन बंगला देश मुक्ति युद्ध स्मरणोत्सव समिति के संयोजक व अखिल भारतीय कांग्रेस कमिटी के सचिव कैप्टन प्रवीण डाबर पूर्वाहन 11.30 बजे होटल यश ग्रैंड,रांची रोड में करेंगे,मुख्य अतिथि प्रदेश कांग्रेस कमिटी के अध्यक्ष सह वित्त विभाग एवं खाध आपूर्ति मंत्री डा रामेश्वर उराँव होंगें।रामगढ़ जिला कांग्रेस कमिटी के अध्यक्ष मुन्ना पासवान की अध्यक्षता में आयोजित बैठक में माननीय विधायक ममता देवी,अम्बा प्रसाद,उमाशंकर अकेला विशिष्ट अतिथि होंगे एवं वरीष्ठ कांग्रेस नेता भी इस मौके पर उपस्थित रहेंगे।पंचायती राज्य संगठन के प्रदेश अध्यक्ष जयशंकर पाठक की देखरेख में स्मरणोत्सव सफलीभूत किए जाऐंगे।
संत कोलंबस महाविद्यालय के प्रधानाचार्य सुशील टोप्पो, विनोबा भावे विश्वविद्यालय के सेवानिवृत्त शिक्षक प्रोफेसर राम प्रिय प्रसाद एवं बांग्लादेश युद्ध में शामिल पूर्व सैन्य अधिकारी सत्यनारायण पाठक सम्मेलन सह विचार गोष्ठी में अपने व्याख्यान देंगे।
इस मौके पर प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता आलोक कुमार दूबे ने बताया कि बांग्लादेश मुक्ति संग्राम 1971 की 50वीं वर्षगांठ को शौर्य गाथा के रूप में मनाना है। इसका उद्देश्य 1971 के बांग्लादेश मुक्ति युद्ध की ऐतिहासिक पृष्ठभूमि और उसकी प्रासंगिकता को प्रसारित करना है। उन्होंने कहा कि इस युद्ध ने इंदिरा गांधी के शानदार एवं अनुकरणीय नेतृत्व में उपमहाद्विपीय के भू-राजनीति को हमेशा के लिए बदल दिया। युवा पीढ़ी को इससे अवगत कराने की आवश्यकता है। उन्होंने बताया कि इस कार्यक्रम की सफलता के लिए कांग्रेस अध्यक्षा श्रीमती सोनिया गांधी ने पार्टी के वरिष्ठ नेता ए.के.एंटोनी की अध्यक्षता में 11 सदस्यीय समिति का गठन किया गया है, जबकि कार्यक्रम के संयोजक कैप्टन प्रवीण डाबर है।
प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता लाल किशोरनाथ शाहदेव ने बताया कि बांग्लादेश ने पाकिस्तान से स्वाधीनता प्राप्त की। 16 दिसंबर 1971 को मुक्ति संग्राम के बाद भारतीय सेना के समक्ष ढाका में आत्मसमर्पण किया था। द्वितीय विश्व युद्ध के बाद किसी सेना के द्वारा किया गया यह सबसे बड़ा आत्मसमर्पण था,क्योंकि इसमें पाकिस्तान के 90 हजार से ज्यादा युद्धबंदियों ने समर्पण किया था।
प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ताओं ने कहा कि बांग्लादेश की आजादी के पहले भारत-पाकिस्तान युद्ध, बांग्लादेश में मुक्ति वाहिनी को भारत का समर्थन देना और इसके बीच चली कूटनीति इंदिरा गांधी के नेतृत्व की गाथा है। 1971 का युद्ध भारत के लिए सिर्फ सैन्य जीत नहीं थी, यह राजनीतिक और कूटनीतिक रूप से बहुत बड़ी सफलता थी। 24 साल पुराने आजाद भारत ने पाकिस्तान के ताकतवर दोस्त अमेरिका और चीन को हैरान कर दिया था। इंदिरा गांधी की राजनीति और नेतृत्व में पाकिस्तान के दो टुकड़े हुए। तत्कालीन नेता प्रतिपक्ष अटल बिहारी वाजपेयी ने इंदिरा गांधी को पाकिस्तान को हराने और उसके दो टुकड़े करने के लिए ‘‘अभिनव चंडी दुर्गा’’ कहा था।
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