
“सभ्यता, संस्कृति से समृद्ध आदिवासी समुदाय की चुनौतियां भी बड़ी हैं”
राज्य ब्यूरो रिपोर्ट झारखंड / उमेश सिन्हा
आजसू के केंद्रीय कार्यालय में आयोजित विश्व आदिवासी दिवस को संबोधित करते हुए केंद्रीय अध्यक्ष सुदेश कुमार महतो ने कहा है कि आदिवासी समाज की सभ्यता, संस्कृति समृद्ध है। संघर्ष और समर्पण का इतिहास भी गौरवशाली है। लेकिन उन्हें हर दिन नई चुनौती का सामना करना पड़ता है। चुनौतियां खत्म करने के लिए सामूहिक प्रयास किए जाने चाहिए। विश्व आदिवासी दिवस पर रांची स्थित आजसू पार्टी के केंद्रीय कार्यालय में आयोजित विचार गोष्ठी सह सम्मान समारोह में उन्होंने ये बातें कही।
वंदना टेटे, सूर्यमणि भगत समेत कई विशिष्ट लोगों को सम्मान
कार्यक्रम में आदिवासी समाज के विकास एवं उनकी भाषा, संस्कृति के संरक्षण तथा संवर्धन को लेकर बहुमूल्य योगदान देनेवाले झारखंड की कई विशिष्ट चेहरे को सम्मानित किया गया। इनमें 20 साल की उम्र से स्वदेशी समूह “झारखंड सेव द फॉरेस्ट मूवमेंट” की अगुवा कार्यकर्ता सूर्यमणि भगत, आदिवासी दर्शन और साहित्य की लेखिका सह ‘झारखंडी भाषा साहित्य, संस्कृति अखड़ा’ की संस्थापक महासचिव वंदना टेटे, लोक संगीतकर एवं सांस्कृतिक कार्यकर्ता तथा सेंट्रल यूनिवर्सिटी के अस्सिटेंट प्रोफेसर गुंजल इकीर मुंडा, आदिवासी वृत्तचित्र (डॉक्यूमेंट्री) फिल्म निर्माता तथा राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता बीजू टोप्पो, झारखंड जनाधिकार महासभा की एलिना होरो तथा झारखंड आंदोलकारी प्रोफेसर संजय बसु मल्लिक एवं डॉ. देवशरण भगत प्रमुख तौर पर शामिल हैं।
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