
मुखिया को वित्तीय अधिकार दे झारखंड सरकार , महेंद्र पाठक।
उमेश सिन्हा झारखंड राज्य ब्यूरो
भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के राष्ट्रीय परिषद के सदस्य सह झारखंड राज्य के सहायक सचिव महेंद्र पाठक ने मुख्यमंत्री, श्री हेमंत सोरेन को पत्र लिखकर कहा है कि, झारखंड मे त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव कोविड-19 के कारण कार्यकाल पूरा होने के बाद भी नहीं हो पाया। 6 महीना के कार्यकाल पहले बढ़ाया जा चुका था। जो जुलाई में पूरा हो गया ।जुलाई माह में पुणः इनके कार्यकाल को आगे के लिए बढ़ाया गया है। सभी पंचायतों में लाखों रुपए विकास कार्य के राशि यूं ही पड़ा हुआ है। एक तो महामारी के कारण लोगों को जीना दूभर हो चुका है। महामारी, बेकारी, बेरोजगारी, बेतहाशा बढ़ती महंगाई, आम जनता परेशान है, तो दूसरी तरफ विकास कार्यों के करोड़ों करोड़ राशि ऐसे ही पड़ा हुआ है, जो खर्च नहीं हो पा रहा है। इसीलिए जब तक आगामी पंचायत का चुनाव नहीं हो जाता है, तब तक मुखिया सहित त्रिस्तरीय पंचायत प्रतिनिधियों को विकास कार्य के करने के लिए उन्हें वित्तीय अधिकार दिया जाए । क्योंकि प्रखंड कार्यालय से लेकर ऊपर तक के अधिकारियों की नजर विकास कार्य के रुपये के ऊपर है। अगर जनप्रतिनिधि विकास कार्य के दायित्व से अलग रहते हैं, तो विकास कार्य के राशि का दुरुपयोग, बंदरबांट कुर्सी पर बैठे हुए अधिकारियों के द्वारा बड़े पैमाने पर पहले की तरह शुरू हो जाएगा। इसीलिए कामरेड पाठक ने मुख्यमंत्री श्री हेमंत सोरेन झारखंड सरकार से मांग की है कि , जब आ पने कार्यकाल को आगे बढ़ाया है, तो उनके वित्तीय अधिकार को भी जल्द से जल्द दिया जाए, ताकि समय पर विकास कार्यों को आगे बढ़ाया जा सके। पंचायत की राशियों को खर्च किया जा सके । अन्यथा यूं ही खाते में पड़ा रह जाएगा। ऐसे भी प्रत्येक वर्ष हजारों करोड़ रुपए विकास के राशि खाते में पड़ा रह जा रहा है। सरकार खर्च नहीं कर पा रही है। इसलिए उन्होंने पुनः आग्रह करते हुए की मुखिया सहित अन्य जनप्रतिनिधियों को विकास कार्यों को करने के लिए वित्तीय अधिकार दिया जाए।
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