दो लाख टन भंडारण क्षमता की है आवश्यकता : हेमंत सोरेन

राज्य ब्यूरो रिपोर्ट झारखंड /राँची

मुख्यमंत्री Hemant Soren ने राज्य के किसानों की समृद्धि हेतु कार्य करना शुरू कर दिया है। फिर वो किसानों के ऋण माफी की बात हो या फिर उनकी अभिरुचि की। मुख्यमंत्री उन सभी पहलुओं को पिरोने के प्रयास में जुट गए हैं, जिससे झारखण्ड के अन्नदाताओं को लाभ हो। क्षेत्र भ्रमण के क्रम में मुख्यमंत्री इस बात से अवगत हुए हैं कि झारखण्ड के किसान अब फलों और सब्जियों की खेती में भी रूचि दिखा रहे हैं। कई जिलों में किसान नाशपाती, टमाटर, सब्जी एवं लघु वनोपज के उत्पादन से जुड़ रहे हैं। इससे किसानों की आय में वृद्धि हुई है और राज्य में फलों व सब्जियों का उत्पादन भी बढ़ा है। फल, सब्जियां और अन्य उत्पाद ज्यादा समय तक सुरक्षित रहें, इसके लिए मुख्यमंत्री ने विभिन्न जिलों में कोल्ड स्टोरेज और कोल्ड रूम के निर्माण की योजना बनाई है।

इसलिए बनेंगे कोल्ड रूम और कोल्ड स्टोरेज

किसान सब्जी और फल आदि उपजा लेते हैं, लेकिन कोल्ड रूम और कोल्ड स्टोरेज न होने की वजह से अक्सर उन्हें इन उत्पादों को ज्यादा दिनों तक सुरक्षित रखने में परेशानी होती है। किसानों को अगर बाजार तक अपने उत्पादों को पहुंचाने में देर होगी, तो वे खराब हो जाते हैं। इससे किसानों को काफी नुकसान होता है। इसके अलावा कई बार मौसम के खराब होने से भी कृषि उत्पाद जल्दी खराब हो जाते हैं। राज्य सरकार ने किसानों की इसी परेशानी को कम करने के लिए पहल की है।

ऐसे पहुंचेगा किसानों को लाभ

राज्य के जिन प्रखंडों में फलों, सब्जियों, लघु वनोपज व ऐसे कृषि उत्पाद जो जल्दी खराब हो सकते हैं, उसके लिए संबंधित प्रखंडों में 30-30 मीट्रिक टन क्षमता के एक-एक कोल्डरूम का निर्माण किया जाना है। कोल्डरूम का संचालन लैम्पस/पैक्स एवं प्राथमिक फल सब्जी उत्पादक सहयोग समितियों के माध्यम से किया जायेगा। कोल्ड रूम एवं कोल्ड स्टोरेज के संचालन के प्रारूप की नियमावली बनकर तैयार है। इन्हें द झारखंड स्टेट आदिवासी को-ऑपरेटिव वेजिटेबल मार्केटिंग फेडरेशन (वेजफेड) के द्वारा संचालित किया जायेगा।

60 मिनी कोल्ड रूम भी प्रस्तावित

किसानों को राहत पहुंचाने के लिए 60 मिनी कोल्ड रूम बनाने की योजना भी राज्य सरकार के अन्तर्गत प्रस्तावित है। ये मिनी कोल्ड रूम सौर उर्जा से संचालित होंगे। इससे संचालन का खर्च भी कम होगा। छोटे होने के बाद भी ये काफी उपयोगी होंगे। इस तरह कोल्ड स्टोरेज और कोल्ड रूम का इस्तेमाल किसान अपने फलों व सब्जियों को स्टोर करने के लिए कर सकेंगे। इससे उन्हें काफी फायदा होगा, क्योंकि वे ज्यादा समय तक अपने उत्पादों को सुरक्षित रख सकेंगे और बाजार तक पहुंचा सकेंगे। इससे किसानों को उनकी उपज का सही मूल्य मिल सकेगा और बाजार में भी ज्यादा समय तक फल व सब्जियां उपलब्ध होती रहेगी।

पंचायत स्तर पर गोदाम निर्माण

किसानों को धान, गेहूं सहित अन्य कृषि उपज के भंडारण में परेशानी न हो इसके लिए भी सरकार आगे आई है। राज्य के विभिन्न पंचायतों में गोदामों का निर्माण हो रहा है। कई गोदाम निर्मित हो चुके हैं, जबकि बड़ी संख्या में गोदाम निर्माणाधीन है। लैम्पस और पैक्स के माध्यम से पंचायतों में किसानों को कृषि कार्य में सहायता पहुंचाई जाती है। राज्य में लैम्पसों की संख्या 2024 एवं पैक्सों की संख्या 2374 है। राज्य में कुल लैम्पस, पैक्स एवं व्यापार मंडलों की संख्या 4478 है। इनके कार्यालयों में भी गोदाम का निर्माण किया जा रहा है। अभी तक 1324 लैम्पस, पैक्स एवं व्यापार मंडलों में गोदाम का निर्माण हुआ है।

*100 मीट्रिक टन क्षमता के दो हजार गोदाम*

सरकार की योजना है कि वित्तीय वर्ष 2021-22 के लिए कृषि, पशुपालन एवं सहकारिता विभाग (सहकारिता प्रभाग) के लिए उपबंधित योजना अन्तर्गत लैम्पस/पैक्स में 100 MT के गोदाम सह मार्केटिंग सेंटर सह ड्राइंग यार्ड का निर्माण किया जाना है। वहीं प्रखण्ड स्तर पर 500 MT के 100 गोदामों के निर्माण का प्रस्ताव विभाग को भेजा गया है।

दो लाख टन भंडारण क्षमता की है आवश्यकता

धान अधिप्राप्ति, खाद-बीज व्यवसाय तथा लघु वनोपज उत्पादों के भंडारण को दृष्टिगत रखते हुए लगभग दो लाख टन भंडारण क्षमता की अतिरिक्त आश्यकता है। जिसके लिए कुल 100 मीट्रिक टन क्षमता के 2000 गोदामों के निर्माण का प्रस्ताव है। प्रत्येक गोदाम के साथ ड्राइंग यार्ड का भी निर्माण कराया जायेगा ताकि लैम्पस/पैक्सों में नमी वाले खाद्यान्न एवं वनोपज को सुखाया जा सके।

क्या होगी क्षमता, कितने गोदाम
विभिन्न लैम्पस/पैक्स एवं व्यापार मंडलों में 100 एमटी क्षमता के निर्मित गोदाम 1269, निर्माणाधीन 350, प्रस्तावित दो हजार। कुल 3619 गोदाम। 200 एमटी क्षमता निर्मित गोदाम 38, तीन सौ एमटी क्षमता के निर्मित गोदाम की संख्या एक, 400 एमटी के निर्मित गोदाम की संख्या दो,500 एमटी के निर्मित गोदाम की संख्या 13 है, जबकि सौ गोदाम प्रस्तावित हैं। 3000 एमटी के निर्मित गोदामों की संख्या एक है।

क्या होगा लाभ

झारखंड सरकार की नीतियों, योजनाओं तथा किसानों की मेहनत से कृषि उत्पादन में काफी वृद्धि हुई है। लेकिन, भंडारण की व्यवस्था नहीं होने की वजह से कई बार किसानों के कृषि उपज बर्बाद हो जाते थे। अब किसानों को नुकसान से बचाने के लिए उनकी उपज के भंडारण के लिए गोदाम बनाये जा रहे हैं। इससे किसानों और राज्य दोनों को ही लाभ होगा।

व्हाट्सप्प आइकान को दबा कर इस खबर को शेयर जरूर करें

Please Share This News By Pressing Whatsapp Button



जवाब जरूर दे 

सरकार के नये यातायात नियमों से आप क्या है ? जवाब जरूर दे ,

View Results

Loading ... Loading ...


Related Articles

Close
Website Design By Bootalpha.com +91 82529 92275
.