
पं. माधवराव सप्रे सार्द्ध शती स्मारक ग्रंथ एवं अन्य पुस्तकों का विमोचन किया।
राज्य ब्यूरो रिपोर्ट मध्यप्रदेश /संतोष बिसेन
मुख्यमंत्री श्री Shivraj Singh Chouhan ने निवास पर आयोजित पं. माधवराव सप्रे, सार्द्ध शती समारोह में पं. माधवराव सप्रे सार्द्ध शती स्मारक ग्रंथ एवं अन्य पुस्तकों का विमोचन किया।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि माधवराव सप्रे जी चिंतक, लेखक, राष्ट्रवादी विचारक थे। सच में कहूं तो व्यक्ति नहीं संस्था थे। एक नहीं अनेकों दिशाओं में काम किया। वह भूले विसरे महानायक नहीं थे, अचर्चित नहीं थे। वह ऐसे चर्चित थे कि पंडित माखनलाल चतुर्वेदी से लेकर अनेको लेखक उनको अपनी प्रेरणा और गुरू मानते थे।
सीएम ने कहा कि मध्यप्रदेश की माटी में जन्मे महान सपूतों में निष्काम कर्मयोगी पंडित माधवराव स्प्रे अग्रगण्य हैं। हम उनका 150वां जन्मवर्ष मना रहे हैं। उन्होंने कभी भी पद की, प्रतिष्ठा की, धन की चाह नहीं रखी। भारत माता की सेवा का जो संकल्प लिया उसमें उन्होंने अनेक होनहार युवकों को प्रेरित किया, आगे बढ़ाया।
सप्रे जी ने मराठी भाषी होते हुए भी हिंदी को राष्ट्रभाषा के रूप में अपनाया। पूरा जीवन उन्होंने हिन्दी के उन्नयन के लिए समर्पित कर दिया। हिंदी नवजागरण के ऐसे महानायक का पुण्य स्मरण करते हुए हम गौरवान्वित हैं। हम चाहेंगे कि माधवराव सप्रे सार्द्ध शती के अवसर पर विद्यार्थियों के लिए निबंध प्रतियोगिता आयोजित की जाये जिससे नई पीढ़ी जिनके महत्पूर्ण कार्यों से परिचित हो सके और प्रेरणा ग्रहण कर सके।
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