गिरिडीह जिले में कोविड से अनाथ हुए बच्चों को चिन्हित कर उक्त योजनाओं से किया जा रहा है लाभान्वित:- उपायुक्त

जिला ब्यूरो  गिरीडीह

कोरोना की दूसरी लहर में कई बच्चों ने अपने माता-पिता को खो दिया है। कोविड के कारण अनाथ हुए बच्चों की देख-रेख, संरक्षण एवं सुरक्षा को दृष्टिगत रखते हुए राज्य सरकार द्वारा संचालित योजनाओं से जोड़ उन्हें लाभान्वित किया जाना है। ऐसे बच्चों की उचित परवरिश हो और बच्चे किसी गलत हाथ में न चले जाएं साथ ही ऐसे बच्चों को तस्करों से बचाने के लिए महिला, बाल विकास एवं सामाजिक सुरक्षा विभाग द्वारा संचालित प्रायोजन योजना के तहत लाभान्वित क़िया जाना है। गिरिडीह जिला अन्तर्गत वैसे सभी अनाथ बच्चों को चिन्हित कर उक्त योजनाओं से लाभान्वित किया जा रहा है। जिले में ऐसे 10 बच्चों को चिन्हित किया गया है, जो कोविड काल में अपने अभिभावक को खो चुके है।

● अनाथ हुए बच्चों का जीवन बेहतर गुजरे, इसके लिए जिला प्रशासन द्वारा हर संभव उचित प्रयास किए जा रहे हैं:- जिला समाज कल्याण पदाधिकारी….
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● बच्चों के जीवन स्तर में सुधार लाने, उनकी चिकित्सा, पोषण, शिक्षा एवं विकास संबंधित आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए संबंधित परिवार को अनुपूरक सहायता या वित्तीय सहायता सरकार देगी:- जिला समाज कल्याण पदाधिकारी…
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कोविड से अनाथ हुए बच्चों के पालन पोषण, देख रेख व उचित शिक्षा उपलब्ध कराने के उद्देश्य से राज्य सरकार द्वारा कुछ योजनाएं चलाई जा रही है। इस संदर्भ में जिला समाज कल्याण पदाधिकारी ने बताया कि उपायुक्त के निर्देशानुसार गिरिडीह जिले में कोविड से अनाथ हुए बच्चों को चिन्हित कर उक्त योजनाओं से लाभान्वित किया जा रहा है। इसी क्रम में महिला बाल विकास एवं सामाजिक सुरक्षा विभाग द्वारा बाल संरक्षण ईकाई के अंतर्गत प्रायोजन(स्पॉन्सरशिप) योजना के तहत जिले में अभी तक 10 बच्चों को प्रायोजन एवं पालन पोषण देखरेख योजना से आच्छादित किया गया है। उन्होंने बताया कि ऐसे बच्चों को बेहतर लालन-पालन के लिए सरकार प्रति बच्चा दो हजार रुपये प्रतिमाह आर्थिक मदद की जा रही है। इसके अलावा उन्होंने बताया कि पूर्व में भी 08 बच्चों को इसका लाभ दिया जा रहा है।

जिले में कोविड से अनाथ हुए 10 बच्चों को प्रतिमाह 2000 रुपए की राशि दी जा रही है:- जिला बाल संरक्षण पदाधिकारी…
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जिला बाल संरक्षण पदाधिकारी ने बताया कि जिले में कोविड से अनाथ हुए 10 बच्चों को प्रतिमाह 2000 रुपए की राशि दी जा रही है। ताकि उन्हें उचित तरीके से पालन पोषण व शिक्षा मुहैया कराई जा सकें। सभी बच्चों का नाम कुछ इस प्रकार है:- 1. खुशबू कुमारी, ग्राम:- कारूडीह, थाना:- धनवार 2. शिवम् कुमार सिंह, ग्राम:- कारूडीह, थाना:- धनवार, 3. पवन कुमार सिंह, कारूडीह, थाना:- धनवार, 4. सोनू कुमार यादव, ग्राम:- मोहनपुर, थाना:- पचंबा, गिरिडीह, 5. मुस्कान बेगम, ग्राम:- बक्सीगरजा, थाना:- गांडेय, 6. खालिदा बेगम, ग्राम:-बक्सीगरजा, थाना:- गांडेय, 7. नेहा कुमारी, ग्राम:- पडरिया, थाना:- बिरनी, 8. मुस्कान कुमारी, ग्राम:- भलपहरी, थाना:- गांडेय, 9. ख़ुशी प्रवीण, ग्राम:- सिकदारडीह, थाना:- पचंबा, गिरिडीह, 10. विकास कुमार, ग्राम:- गप्पैय, थाना:- गिरिडीह।

● प्रायोजन (Sponsorship) के तहत इन परिवार के बच्चों को मिलेगा लाभ:- केंद्र प्रायोजित पारिवारिक पालन-पोषण एवं प्रायोजन योजना के तहत सरकार ने कोविड से अनाथ हुए बच्चों का भरण पोषण करेगा। इस योजना के तहत एक कोविड से अनाथ हुए बच्चों, गरीब व अक्षम परिवार से कम-से-कम तीन बच्चों को लाभ मिल सकता है जबकि उम्र सीमा 18 वर्ष तक निर्धारित है। ऐसे बच्चों को बेहतर लालन-पालन के लिए सरकार प्रति बच्चा दो हजार रुपये प्रतिमाह आर्थिक मदद करेगी। उन्होंने बताया कि इस योजना के तहत 18 वर्ष से कम उम्र के बालक-बालिका, जिस परिवार की वार्षिक आय 75 हजार रुपये तक होगी, कोविड से अनाथ हुए बच्चों तथा जिन बच्चों के माता-पिता की मृत्यु हो गई या माता-पिता अपने बच्चे का परित्याग कर चुके हैं और वे रिश्तेदारों के यहां रह रहे हैं, ऐसे बच्चे जिनके माता-पिता अक्षम या गंभीर बीमारी से ग्रसित है, बाल विवाह, बाल श्रम, बाल तस्करी या दु‌र्व्यवहार से प्रभावित बच्चे, पुनर्वास की जरूरत से जुड़े बच्चों को इस योजना का लाभ दिया जाएगा।
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