डॉ राजेश कुमार ने लोगों के द्वारा पूछे गये बच्चों को कोरोना संक्रमण से सम्बंधित सवालों का जवाब दिया l
लातेहार ब्यूरो रिपोर्ट / झारखंड
कोविड-19 के तीसरे लहर में बच्चों के प्रभावित होने के संभावना को देखते हुये उपायुक्त लातेहार अबु इमरान के पहल पर जिला प्रशासन लातेहार के द्वारा कोविड-19 संक्रमण से बच्चों के बचाव एवं ईलाज विषय पर वेबिनार का आयोजन किया गया
वेबिनार में राँची के मशहूर शिशु रोग विशेषज्ञ (pediatrician) डॉ राजेश कुमार ने बच्चों में कोरोना संक्रमण के लक्षण, डायग्नोसिस, ईलाज तथा कोरोना से सम्बंधित विभिन्न पहलुओं पर विस्तार से जानकारी दिया l उन्होंने कहा कि कोरोना संक्रमण के दूसरे लहर में हम देख रहे हैं कि कोरोना वायरस पूर्व की तुलना में ज्यादा तेजी से फ़ैल रहा है l परिवार के किसी एक व्यक्ति को कोरोना होने पर परिवार के अन्य सदस्य भी कोरोना संक्रमित हो जा रहे हैं l ऐसे में बच्चे भी कोरोना संक्रमित हो रहे हैं l
डॉ राजेश कुमार ने बताया कि लगातार बुखार आना, खांसी होना, सांस लेने में दिक्कत होना, डायरिया, रैशेस इत्यादि बच्चों में कोरोना के लक्षण हैं l उन्होंने बताया कि कोरोना के डायग्नोसिस के निम्नलिखित तरीके हैं -रैपिड एंटीजेन टेस्ट, ट्रूनेट, आरटीपीसीआर, एचआरसीटी l उन्होंने कहा कोरोना के लक्षण दिखाई देने पर कोरोना जाँच अवश्य करवा लेना चाहिए ताकि ससमय ईलाज शुरू हो सके l उन्होंने बताया कि 5 दिनों से लगातार बुखार होना, तेज बुखार होना, सांस लेने में तकलीफ होना, एक्स-रे में निमोनिया पाया जाना हाई रिस्क के लक्षण हैं l ऐसे में कोविड हॉस्पिटल में ईलाज करवाने की आवश्यकता है l कोविड के मामले में ऑक्सीजन लेवल की नियमित मॉनिटरिंग भी जरुरी है l ऑक्सीजन लेवल का 95 से नीचे जाना खतरे का संकेत है l ऑक्सीजन लेवल में तेजी से गिरावट भी खतरे का संकेत है l डॉ राजेश कुमार ने कोरोना के ईलाज में प्रयुक्त होने वाली दवाइयों के बारे में जानकारी दिया l साथ ही उन्होंने कहा कि बच्चे को कोरोना संक्रमण होने से उसे भरपूर पौष्टिक भोजन, पानी तथा डॉक्टर के परामर्श के अनुसार दवाइयाँ देनी चाहिए l
डॉ राजेश कुमार ने बताया कि सरकार द्वारा जारी गाइडलाइन के अनुसार गर्भवती महिला तथा धात्री महिला को कोरोना टीका नहीं दिया जाना है l
*डॉ हरेन चंद्र महतो ने डॉ राजेश कुमार से पूछा कि गर्भवती स्त्री को कोरोना है तो क्या उसके न्यू बोर्न बेबी को भी कोरोना होगा l डॉ राजेश कुमार ने बताया कि वर्टीकल ट्रांसमिशन के मामले देखे जा रहे हैं l इसलिए यदि गर्भवती स्त्री को कोरोना था तो न्यू बोर्न बेबी का भी कोरोना जाँच करवाना चाहिए l माँ को यदि कोरोना है तो उसे हमेशा मास्क पहने रहना चाहिए और हाथों को अच्छी तरह से धो कर ही अपने बच्चे को पकड़ना चाहिए l प्रीती अग्रवाल ने पूछा कि उसके परिवार में तीन लोगों को कोरोना हुआ है तथा उसके बेटे को भी खांसी है तो क्या उसे अपने बेटे का कोरोना जाँच करवा लेना चाहिए l डॉ राजेश कुमार ने कहा कि उसे अपने बेटे का कोरोना जाँच करवा लेना चाहिए l
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