टी वी रोग के निम्न लक्षण हैं जैसे कि किसी व्यक्ति को दो हफ्ते से लगातार खांसी हो, बुखार हो, वजन में गिरावट आ रही हो, भूख ना लगना, रात में तेज पसीना आना आदि इसके प्रमुख लक्षण : उपायुक्त

गोड्डा ब्यूरो रिपोर्ट / रंजीत भगत
गोड्डा: दिनांक 24.03.2021 को स्थानीय सिविल सर्जन कार्यालय स्थित सभागार में विश्व यक्ष्मा दिवस के अवसर पर कार्यक्रम आयोजित की गई। कार्यक्रम में सिविल सर्जन गोड्डा डॉ0 शिव प्रसाद मिश्रा द्वारा मुख्य अतिथि गोड्डा उपायुक्त महोदय गोड्डा श्री भोर सिंह यादव का स्वागत पुष्पगुच्छ देकर किया गया। उपायुक्त महोदय गोड्डा श्री भोर सिंह यादव, सिविल सर्जन गोड्डा डॉ0 शिव प्रसाद मिश्रा, DRCHO गोड्डा डॉ0 मंटू टेकरीवाल, सदर अस्पताल उपाधीक्षक गोड्डा डॉ0 प्रदीप कुमार सिन्हा सहित अन्य की गरिमामयी उपस्थिति में दीप प्रज्वलित कर विश्व यक्ष्मा दिवस कार्यक्रम की शुरुआत की गई।
कार्यक्रम में सिविल सर्जन गोड्डा के द्वारा संबोधित करते हुए कहा गया कि गोड्डा जिले में टीबी रोग से लड़ने हेतु साहियाओ का अहम योगदान है। टीबी रोग लाइलाज बीमारी नहीं है। टीबी रोग दवा खाने से ठीक हो जाता है। इसका दवा सभी स्वास्थ्य केंद्र पर नि:शुल्क दिया जाता है। सिविल सर्जन गोड्डा द्वारा बताया गया कि टीबी रोग के जांच एवं उपचार के लिए पूरे झारखंड राज्य में गोड्डा जिले को दूसरा स्थान प्राप्त हुआ है। सदर अस्पताल उपाधीक्षक गोड्डा डॉ0 प्रदीप कुमार सिन्हा के द्वारा भी उक्त कार्यक्रम को संबोधित किया गया। उन्होंने कहा कि इस रोग की खास बात यह है कि ज्यादातर व्यक्तियों में इसके लक्षण उत्पन्न नहीं होते। यदि व्यक्ति की रोग प्रतिरोधक शक्ति कमजोर हो तो इसके लक्षण जल्द नजर आने लगते हैं और वह पूरी तरह रोगग्रस्त हो जाता है। इसके साथ ही उनके द्वारा टीबी रोग से संबंधित अहम जानकारियां प्रदान की गई।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए उपायुक्त महोदय गोड्डा श्री भोर सिंह यादव ने कहा कि स्वास्थ्य विभाग के सभी कर्मियों के समग्र सहयोग और मेहनत से टीबी रोग के जांच एवं उपचार के लिए पूरे झारखंड राज्य में गोड्डा जिले को दूसरा स्थान प्राप्त हुआ है। उन्होंने कहा कि टीवी के मरीजों की पहचान करना आसान है। इस रोग के निम्न लक्षण हैं जैसे कि किसी व्यक्ति को दो हफ्ते से लगातार खांसी हो, बुखार हो, वजन में गिरावट आ रही हो, भूख ना लगना, रात में तेज पसीना आना आदि इसके प्रमुख लक्षण हैं। महोदय ने कहा कि मरीजों को डॉक्टर की सलाह पर दवा का सेवन करते रहना चाहिए। आम तौर पर कुछ मरीज बीच में ही दवा छोड़ देते हैं। इस कार्य में जन सहभागिता एवं जन सहयोग आवश्यक है। जन सहयोग से ही टीबी मुक्त भारत बन सकता है। उन्होंने कहा कि टीबी लाइलाज बीमारी नहीं है, सही समय पर अगर समुचित इलाज हो तो इस बीमारी से हम निजात पा सकते हैं। उपायुक्त महोदय के द्वारा कार्यक्रम में टीबी रोग के रोकथाम में बेहतर कार्य करने वाले 15 साहियाओं को पुरस्कृत किया गया।*
टीबी हारेगा देश जीतेगा
विश्व यक्ष्मा दिवस 2021 के अवसर पर भारत सरकार के द्वारा एक अभियान चलाया गया है। इस अभियान के तहत वर्ष 2025 तक देश के कोने-कोने में वैसे सभी मरीज जो टीबी से पीड़ित हैं, उन्हें स्वस्थ कर देश को टीबी मुक्त बनाने का लक्ष्य रखा गया है। इस लक्ष्य की प्राप्ति के लिए नारा है “टीबी हारेगा देश जीतेगा” इस नारे के सहारे जन-जन तक जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है।

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